अदल बदल | Adal Badal
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.33 MB
कुल पष्ठ :
170
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य चतुरसेन शास्त्री - Acharya Chatursen Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१७ जाति का भी उसमें हिस्सा है उदार भाव और उदार जीवन यदि स्त्री न बना सके तो वह दम्पति-धर्म से च्युत हो जाती है । स्त्रियों का जीवन-संसार घर है। पुरुषों का बाह्य संसार है। पुरुष बाह्य संसार से सम्पदा हरण करके घर में लाता है। स्त्री का काम उसका संचय और सदुपयोग करना है। हिटलर ने अपने देश की स्त्रियों से कहा था कि--विज्ञान और मशीनरी ने १०० पुरुषों का काम १० आदमियों द्वारा होना सम्भव कर दिया है। इससे हमारे ६० आदमी बेकारी में फंस रहे हैं जो हमारे राष्ट्र की बड़ी भारी चिन्ता का विषय है। अब यदि स्त्रियां भी पुरुषोचित कामों को करके उन १० में हिस्सा बटाएंगी तो हम किसी भी हालत में सावंजनिक बेकारी का मृक़ाबला नहीं कर सकेंगे । इस- लिए मैं अपनी माताओं और बहनों को सलाह देता हूं कि वे दफ़्तरों कार्यालयों और बाज़ारों से हट जाएं। वे अपने घरों को संभालें बच्चों की परवरिश करें थके और चिन्तित पतियों पर आराम और प्रेम की वर्षा करें जिससे यह संसार हम पुरुषों के लिए जो स्देव विपरीत भाग्य से युद्ध करने के लिए बने हैं आनन्द और आशा का संसार बन जाए। मैं कहुंगा कि ये स्व्णक्षिरों में लिखे जाने वाले शब्द यू रोप की एक बड़ी भारी ग़लती को सुधारने वाले हैं जिसके कारण यूरोप का दाम्पत्य जीवन अविश्वस्त असुखी तथा अस्त-व्यस्त बन गया है। पाइचात्य स्वाधीनता की यह लहर शिक्षा के साथ हमारी बहन-बेटियों के मस्तिष्क में घर कर गई है। इससे वे प्राय पतियों से विद्रोह करने लगती हैं। मेरा कहना है कि कोई स्त्री पुरुष के भधीन नहीं पति के अधीन है। पर सोचना चाहिए कि क्या पति उसके अधीन नहीं है। यह तो प्रेम की अधीनता है। यह अधीनता गुलामी नहीं यह तो हृदय की सर्वाधिक कोमलता है ।
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