नाव के पाँव | Naav Ke Paav
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.58 MB
कुल पष्ठ :
87
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ जगदीश गुप्त - Dr. Jagdeesh Gupt
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फ्ति्ली नाश रो नियाशु के दोनों श्रवों के बीच सारी ज़िन्दगी तिरती जागरण में स्वप्न में सुख दुख सँजोये-- ठीक पुतली की तरह फिरती चिर-शुयन बन शीश पर जब मृत्यु आ घिरती फिर नहीं फिरती नहीं तिरती । थमा
User Reviews
No Reviews | Add Yours...