नारी समस्या | Nari Samasya

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Book Image : नारी समस्या  - Nari Samasya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ता लेख विभिन्न परिश्थितियों त्रौर मन स्थितियों में लिखे गये थे । कई बार ऐसे स्थलों का भी उदघायन करना पड़ा है जा शायद समाज के न रच । करहीं-कहीं कथन में व्यत्रिक भी संम्मव है । है। सकता है एक़ाघ स्थल हमारे पुरुषसमाज के। कर्गा-कट लगें । आालकारिक माघुयमयी ऊद्दा से वहां क्राम चलाया जा. सकता था पर बनावट मुक्के न रुची । वैसे नारी-त्रान्देलन का विकास पुरुषों का परम कृत है । श्राज यह कौन कहेंगा कि उनके तथा नारी के . अधिकार और क्षेत्र में संघर्ष है । उनका निभाणु ही इस लिये नहीं हुआ । एक के भांव की सफंलता दूसरे के श्रभाव की प्रति में है तौर यहीं पर नेक सामाजिक प्रश्नों का समाधान हा जाता ईं | लखेों के प्रस्तुत रूप में लाने में स्थानीय विद्यामन्दिर के श्राचाये श्री प्रभुदयालजी ्रग्निहात्री से बड़ी सहायता मिली है एतदर्थ मैं उनकी ्त्यन्त त्ाभारी हूँ । साथ ही यहीँ मैं श्री माई ब्रिजलालजी बियाणी. के प्रति क्ृतजता प्रकाश करना अपना कत्तेव्य समभती हूँ जिनका स्नेहमय प्रोत्साइन मुमे सदा प्राप्त होता रहा है। यदि इन लेखों से हमारी बहनों का कुछ लाभ हो. सका तो में अपने परिश्रम के सफल समझूंगी । . # ० लेखिका




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