सम्मलेन पत्रिका त्रैमासिक भाग ६९ | Sammelan Patrika Traimasik Bhag 69

Sammelan Patrika Traimasik Bhag 69 by प्रेमनारायण शुक्ल - Premnarayan Sukla

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

प्रेमनारायण शुक्ल - Prem Narayan Shukla

डॉ प्रेम नारायण शुक्ल का जन्म कानपुर जिले की घाटमपुर तहसील के अंतर्गत ओरिया ग्राम में २ अगस्त, सन १९१४ को हुआ था। पांच वर्ष की आयु में माता का निधन हो गया था, पिता जी श्री नन्द किशोर शुक्ल, वैद्य थे। आपकी सम्पूर्ण शिक्षा -दीक्षा कानपुर में ही हुई। सन  १९४१ में आगरा विश्वविद्यालय से एम. ए. की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ थाl इसी वर्ष अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन की 'साहित्यरत्न' परीक्षा में भी आपको प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ। श्री गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा चलाये गए  अखबार 'प्रताप' से  शुक्लजी  ने अपने जीवन की शुरुआत  एक लेखक  के रूप में की l

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १४ ) नहीं हैं कि अब उनकी कोई भी पंक्ति छपना शेष नहीं है । यत्र-तन्र अब भी कुछ सामग्री मवश्य बिखरी हुई है । यदि सम्भव हुआ तो भविष्य में इस दिशा में और अधिक प्रयत्न किया जायेगा । सम्पसेलन-पत्निका का यह विशेषांक तीन खण्डों में विभक्त है । प्रथम खण्ड में काव्य श्रद्धाज्लि है द्वितीय खण्ड में विद्वज्जनों द्वारा सनेही जी के काव्य-साहित्य पर समी क्षात्सक विचार एवं उनके व्यक्तित्व का सुल्यांकन है और तृतीय खण्ड में उनका काव्य साहित्य है । हमारा विश्वास है कि साहित्य-प्रेमियों एवं सुधी जनों द्वारा पत्रिका के इस अंक का स्वागत होगा । --प्रमनारायण शुक्ल साहित्य मंत्रों




User Reviews

  • Ranjana Dixit

    at 2020-09-09 15:10:52
    Rated : 8.5 out of 10 stars.
    very useful book
  • Ranjana Dixit

    at 2020-04-23 09:44:00
    Rated : 8.5 out of 10 stars.
    First of all, I am really thankful to epustkalya for uploading so many important books on site. Secondly, uploading information about Dr Prem Narayan Shukla. I am grateful to epustkaly team. A few suggestions ,please correct the spelling of Shukla. It is Shukla not Sukla You have uploaded the information about Dr Prem Narayan Shukla, still there is written लेखक के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है ,जानकारी जोड़ने के लिए लॉग इन करे In most of his books hindi samvat is mentioned, while in Ebook source I guess it is English calendar year for example Sammelan Patrika bhag 69, the year mentioned is शक १९०५, which is 1962 according to English calendar. I think in most of the Ebook source, this is common error. with regards Ranjana Dixit
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