चेखव के तीन नाटक | Chekhav Ke Teen Naatak

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Chekhav Ke Teen Naatak by राजेन्द्र यादव - Rajendra Yadav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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७ _ सम्पादक खुदकोबसे मिलने गया । बहीं उसकी साली एविलोब मिली यह एक बच्चेकी माँ थी लेकिन दोनों एक दूसरेते इतने प्रभावित हुए. कि प्रथम-दुशनमें ही एक दूसरेको घणटो श्रॉखें फाड़े देखते रहे । पविछोवके शब्दोमें । दम दोनों एएक दूसरेकी द्रॉलोंमें देखते रहे लेकिन उन्हीं दृष्टियों में इमने क्लितना कुछ विनिमय कर लिंया था । सुके तो ऐसा लगा जैसे मेरे भीतर एक बिस्कोट हो उठा है-प्रकाश आआह्वाद श्रौीर विजयका विस्फोट । मैं समभ गई कि चेखवकी भी हालत यही है । श्रौर इन दोनों की श्रन्तिम मुक्ञाकात वह थी जब सीगल का मॉस्‍्को श्ाट-थियेटर द्वारा चेख़बके लिये व्यक्तिगत रूपसे श्भिनय किया गया श्ौर बुलानेपर भी वदद नहीं श्राई । चेखब श्र लिडिया बिना एक दूसरेके रह नहीं सकते थे श्रौर जन्न भी वे मिलते थे तो लड़ पड़ते थे । जो कुछ चेखब न्वाहता था श्रौर प्राप्त नहीं कर सकता था साथ दी जिसके म्रिना रह भी नहीं- सकता था उसीकी कशमकशमें वह शाखालिनकी शोर चल पड़ा | द्ून्द्र कहानीमें नायक लायव्स्की भी न्नाकैरेनिना की तरह एक चिवा- हित महिला नायाफ्योदोरोब्नाको लेकर सुदूर काकेशस. प्रान्तमें चला जाता है। सीगल नाटकके तीसरे दृश्यमें नीना प्रेसका सन्देश ठीक लिडियाकी तरह मेजती है । पक धार क्िंडियाने जौहरीसे निह्कुल छोटी किंताबकी शक्कका ज़ेंबघडीकी जंजीरमे लटकनेवाल्ा झुमका बनवाया उसके एक तरफ़ खुदबाया गया वेखबंकी कहानियों श्रौीर दूसरों तरफ प्र २६७ लाइन छुः्सात यह संक्रेत था चेखबकी पड़ोसी कहानीकी एक लाइमकी और । द्गर तु्हें कभी भी मेरे प्राणोंकी श्ावश्यकता पढ़े तो निंश्संकोन्र श्राना और ले लेना । श्रौर इसके बाद शायद मित्रता समाप्त हो गई | चेखवका विवाह हुश्रा मास्को श्रार थिग्रेटर की प्रसिद्ध अभिनेत्री शए्गानिपर से । वह उसके नाटक सीगल में श्राकंदोना इरीना




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