भारत का आर्थिक भूगोल | Bharat Ka Araithik Bhugol
श्रेणी : भूगोल / Geography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
32.49 MB
कुल पष्ठ :
408
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्४ भारत का आर्थिक भूगोल इसलिए बर्फीले पहाड़ो की ठडी हवा भारत के मैदान में ठडी-लहर के रूप में श्रा जाती है । शुष्क मानसून के प्रथम काल की विशेषता होती है निम्न तापमान । विषुवत रेखा के निकटतर दक्षिणी प्रदेशों की श्रपेक्षा उत्तर-पश्चिम में जहाँ प्रतिचक्रवात चलते हैं बापमान बहुत नीचे होते है । इस काल मे सपूर्ण सिन्धु-गगा मैदान में दक्षिण मारत की अपेक्षा बहुत निम्नतर तापमान रहता है। यह तथ्य निम्नाकित तालिका द्वारा स्पष्ट है --- दोत तथा ग्रीप्म के तापसान% __ शीत (जनवरी) __ ग्रीष्म (मददे या जूत ) _ अधिकतम | न्यूनतम | |_झधिकतम | न्यूनतम अन्तर रो फा फाः फाः फा देहरादून. ... ध६ अ४. (रर।. ६६ (जूत)| ७०. | २६ श्म्बाला .... ६ अ३. २६ १०३ (जून) ७०. | हेरे दिल्ली ७७० अप्य २९) र०४ प्य० | रे४ इलाहाबाद हक ७४ अँ८य्य २६ २०७ ८० ७ नागपुर सर. अर रे ५५ |रे८। ९०० प्य्र श्द मद्रास जि - ६७ (१८ &८ य्यर २७ इसके पराद्ध काल मे जिसका झारभ माच॑ से माना जा सकता है तापमान में विशेष वृद्धि होती है क्योंकि सूय उत्तर की शोर बढ़ता है। चित्र न० ४ में यह दर्शित किया गया है कि मई में भारत के झधिक मागों में उच्चतम तापमान रहता है । ये तापमान दक्षिण से उत्तर तथा उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ते हैं । इस प्रकार भारत के उच्चतम तथा निम्नतम तापमान इस शुष्क तथा थल से चलने वाली मानसून के] काल में ही होते है। देश को इस मानसून काल में समुद्र का कोई लाभ नहीं मिल पाता । ठढे से गरमे मौसम के परिवर्तन काल मार्च के महीने मे अनेक स्थानीय तूफान आते हैं । ये साघारणतः निकटवतीं समुद्रों से श्राई हुई नम हवा श्और स्थलीय सूखी हवा के मिलने के कारण उत्पन्न हो जाते हैं । इस समय देश के भीतरी भाग में मी पननएसपटप्नककाप . अफे... न नयफकवसकलिलवि करत एत2 1958 छू. देन
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