भारत का आर्थिक भूगोल | Bharat Ka Arthik Bhugol

Bharat Ka Arthik Bhugol by शंकर सहाय सक्सेना - Shankar Sahay Saxena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डे. मे होगी, खनिज. पदार्थों, वनस्पति; पशु श्र कृषि के सम्बन्ध में सभी जानने योग्य बातो का झप्ययन करना होगा । साथ ही इस बात का भी झव्ययन करना टोगा कि प्रथ्वी की बनावट; खनिज-पदार्था, वनस्पति, पशु-पत्ती तथा कृषि का मनुष्य जीवन पर क्या प्रमाव पडता है । विद्यार्थी को इस बात का मी दध्ययन करना होगा कि भिन्न-भिन्न प्रकार की मिट्टी तथा धघाठुद्मो का पृथ्वी की बनावट से क्‍या सम्बन्ध है, प्रथ्वी की बनावट तथा जलवायु।का ' खेनी पर क्या प्रभाव पडता है । इन्हीं भौगोलिक परिस्थितियों पर मजदूरों (जो सम्पत्ति उत्पन्न करते हैं) की कार्य करने की ताकत निमर है श्र घरातल ' की बनुघट तथा जलवायु से “शक्ति” (?0+८ा) का घनिष्ठ सम्बन्ध है । कोयले के द्वारा उत्पन्न की हुई शक्ति, बिजली, पानी तथा वायु की, शक्ति ' सभी घरातल की बनावट तथा जलवायु पर ही ्वलम्त्रित हैं। कच्चा माल ' (खेतों दौर चनों में उतन्न होने वाले पढाथ); खनिज पदार्थों, मजदूरों के । कार्य करने की ताकत तथा शक्ति (006८7) इन्ही पर किसी देश क्री ' त्रौद्योगिक उन्नति निमर रहती है । इसलिए भूगोल के विद्यार्थी को इन सभी चातों का श्रः्ययन करना झावश्यक है । _.... श्राज् जब कि समस्त ससार श्रौद्योगिक उन्नति की ही घुन में उन्मत्त' हो रहा है, औ्रोर प्रत्येक देश झ्रपनी आर्थिक दशा को सुधारने का प्रयत्न कर रहा . है उस समय द्रार्थिक भूगोल का जान होना नितान्त श्रावश्यक है द्रभी तक ' इस विपय को हमारे स्कूलों श्रौर कालेजो के पाय्यक्रम में कोई स्थान नहीं दिया गया था किन्तु व इन विपय के महत्व को स्वीकार किया जा रहा है । द द्रार्थिक भूगोल के अध्ययन से लाभ ॥... (&ैतर्थए2छु८5 0 ठैघपतिप़ंण हु छिट०ए0एपंट (5८6०878]प४) गा... द्ार्थिक भूगोच के दव्ययन से हमे नीचे लिखे लाभ होते हैं :-- (१) श्ाथिक भूगोल ने हम यह जान सकते हैं कि कौन-कौन सी चीजे-कच्चा माल जन स्वेती की पैदावार, खनिज पदार्थ, वनों में उत्पन्न होने वाली वन्तुर्गे, मछली इत्यादि कहाँ उत्पन्न होती है और पक्का साल--ग्र्थात्‌ वारन्वानो मे तैयार की हुई सिन्न-मिन्न प्रकार की चीजें कहाँ मिल सकती है ! (२) आिक भूगोल हमे पृथ्वी के झार्यिक साधनों (खेती की पैदावार, चर




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