जीवन मंत्र | Jivan Mantra

Jivan Mantra by मुनि जयन्त विजय - Muni Jayant Vijay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रे पर गसिसिपपपरलगिसरसिरला ड पं पं आत्म-भावना व परम मेत्री प्रगटे हृदयना आगणें मुझ दाक्ति झात्त दीपावली । समसादरणन भेहनारी दिव्य. ज्योतिप्कारली । सह दुःखियोना दुख कापु एइवी सुक भावना । मुक्त थट् सह सीरथ पामे एज रे नित कामना ॥ समापना सनाफे जो कोइ मुमने शाति तंदने आपवा । मसातोपष पूर्वरु हैं सहूँ ते आमगुण पनिपसाववा । जे बैर बृति रास्शे हैं वेदयी करी मित्रता । नहीं दिल दुभाउु रोइनु राम्मी हृदय पवित्रता ॥ &. सबमय भाय नहा इप्ट मयु फोइने छ निन्दगी प्यारी सदा । आपी शड॒ नहीं दिद्गी तो लइ शाकु नद्दा हूँ का । यस एप करण सर्यदा मम रर पिपर बहलु रह । करू त्राण हैं सह जीयठु + सड मृत्यु थी जीवन ले ॥| कमरा हे अर 22 पपपकम रसपरयिन जिससे पि्मकाकन पर परसिमपफजमसपापर भार मन सर दि कर... 0 दि




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