गोस्वामी तुलसीदास | Goswami Tulsidas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20.07 MB
कुल पष्ठ :
310
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दै कट देना प्रारंभ किया कि वे वहाँसे हटकर अस्सी घाटपर चले आए जो उन दिनों काशीकी बस्तीसे बाहर निराले जगकमें पड़ता था । गोस्वासीजीकी प्रसिद्धि उनके समयमें ही हो चली थी । बड़े-बढ़े विज्ञान सन्त भक्त और महात्मा उनके पास विचार-विमशंके लिये निरन्तर आते-जाते रहते थे । उस समयके प्रसिद्ध विद्वान श्रीमघुसूदन सरस्वतीजीने उनसे शास्त्र-चर्चा करके कहां था--+ आनन्दकानने हस्मिज्नझमस्तुलसीतरुः । कवितामंजरी यस्य... रामघ्रमरभूषिता ॥ गोस्वामीजी के मित्रों और स्नेहियोंमें अब्दुरहीम ख़ानख़ाना महाराज मानसिंह नाभाजी और मधघुसूदन सरस्वती आदि महापुरुष प्रमुख थे । कादशी्मे इनके सबसे बड़े रनेही और भक्त भदेनी मुदजेके भूमिहार भूमिपति टोडरजी थे जिनकी खत्युपर उन्होंने कई दोहे कहे हैं । गोस्वामीजीकी सम्बन्धमें पहले यह दोहा अधिक प्रसिद्ध था-- संबत सोरह सें असी असी गंगके तीर । स्रावन सुक्का सप्तमी तुलसी तज्यो सरीर ॥ पर बाबा बेनीमाघवदालकी पुस्तक्में दूसरी पड़ इस प्रकार है या कर दी गई है-- श्रावण कृष्णा तीज शनि तुलसी तज्यौ शरीर ॥ उनकी यही मसिर्वाण-तिथि ठीक भी है क्योंकि टोडरके चंदाज आजतक इसी तिथिको गोस्वामीजी के नामपर सीधा दिया करते हैं । सूकरखेत कुछ छोगोंनि में पुनि निज गुरुसन सुनी कथा सो. सूकरखेत । के आधारपर गोस्वामीजीका जन्मस्थान एटा ज़िलेके सोरों नामक
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