यजुर्वेद संहिता भाषा भाष्य [भाग-२] | Yajurved Samhita Bhasha Bhashya [Bhag-2]
श्रेणी : धार्मिक / Religious
![यजुर्वेद संहिता भाषा भाष्य [भाग-२] - Yajurved Samhita Bhasha Bhashya [Bhag-2] Book Image : यजुर्वेद संहिता भाषा भाष्य [भाग-२] - Yajurved Samhita Bhasha Bhashya [Bhag-2]](https://epustakalay.com/wp-content/uploads/2020/10/yajurved-samhita-bhasha-bhashya-bhag2-by-jaydev-sharma-194x300.jpg)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.09 MB
कुल पष्ठ :
742
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( र०
दिशाओं और १२० उपदिशाओं से राष्ट्र को रखा । ( २५ ) नाना प्रकार के
जलों के इशन्त से, गुण भेद से नाना गुर्णों वाएी सेना और प्रताओं का
ब्णन । ( २६ ) चात, धूम, अद्ध आदि नाना मेप की दशाओं की सुरमा
के साय २ नायक के नाना कर्मों का वर्णन 1 ( २७ 9 अम्लि आदि पदायों
बी साधना । ( २८-३१ फ नक्षत्र आदि के सुखकारी होने की भावना ।
(३२-२३ 9 यज्ञ से अन्न, ज्ञान, बल आदि की उत्पत्ति ।
तयोविंद्योइध्यायः ( प्र० २५६-३०१)
(१) दिरिण्यगर्भ परमेश्वर का वर्णन, पक्षात्तर में राजा का दर्णन ।
( * त प्यवस्था में यद्ध राजा की सूय॑ और वायु धर अन्तरिक्ष से तुढना।
राजा का प्रजापति पद 1 ( ३ ) इंश्वर और राजा के सहान् ऐश्वर्य का
धर्णन । ( ४) ब्यवस्यादद्ध राजा का चन्द्र, अभि, नक्षयों से लु्ति
महान सामध्यों का दर्गन 1 पक्षान्तर में परमेश्वर का वर्णन । (५)
दोपरद्ित सेजम्दी राला की नियुन्ि, पश्चान्तर में परमेश्वर की योग द्वारा
उपासमा । पश्षान्तर में सूर्य का दर्णन । (६) रव में सुते अधों के
समान दो नायकों की नियुक्ति । ( ७ ) राजा को सन्मार्ग पर लेजाने के
लिये उसके स्ठोतू नायक विद्वान की नियुक्ति । ( ८ ) गायत्र, द्रेष्टभ, और
ज्ञागत तीन छन्दों से चसु, रद और जादित्यों द्वारा स्तवन। घाझमण, इयिय,
पैदय इन तीन द्वारराज्ञा की कीर्सि। हेजस्यी, शनिसान् राजा को राष््रये थोग
की आज्ञा । ( ९-१२ ) बह्मोच । प्रह्म और प्रभु राना की धाकि विषयक
मझनोत्तर 1 सूर्य , अग्नि, भूमि, थी , अश, वि भौर रायि विपयर्श प्रभोगर 1
(१३) राजा की दाकति को पुष्ट करने के लिये सेनापति आदि पदारधिका-
रियों का उत्तम उद्योग । ( १४) रघ अध के इ्टान्त से झझ्मा नाम विद्वान
के कर्नप्य और स्थिनि का दर्णन । पक्षान्ठर में अप्पाम विवेदन ! (१४-
१६ 9 ऐुच्चयंदान स्थामी और अध्यस में आत्मा का यर्गन । (१० फ
थीन, चायु, सूर्य के च्टान््त से दिजशाभिलयपी राजा के कर्द म्यों का टपदेश ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...