हिंदी लोक - कथा कोश भाग 3 | Hindi Lock-katha Kosh Vol-3
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.25 MB
कुल पष्ठ :
185
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)लादना पड़ता है ।
लालभाई तम्बोली ने विचार किया कि : अब
क्या करना चाहिये ? कुछ देर बाद उसने कहा कि :
“अरे भाई ! तुमसे जब पूछा जाये, तब तुम बेधड़क
कह देना कि लालभाई तम्बोली ने ही बेगम साहिबा
का खुन किया है । उसके बाद तो यह बादशाह है या
मैं हैँ। अब तक इसको कोई सिरफिरा मिला ही नहीं
है।
'शाम के समय बादशाह ने बांसफोड़ों को बुला
कर पूछा : 'सात सौ सत्तर में से किस काफिर ने
बेगम का खून किया है? उसको ही पेश किया
जाये ।
बाँसफोड़ों ने तुरन्त ही बेधड़क उत्तर दे दिया
कि : 'बादशाह सलामत ! खून हमने नहीं किया है,
लालभाई तम्बोली ने किया है ।'
बादशाह को जोश आ गया । लालभाई तस्वोली
किस खेत की सूली है । लालभाई तम्बोली ! पकड़
लाओ उस सुअर की. औलाद को । और बन्द कर दो
उसे हवालात में ।
सिपाही लोग दौड़ पड़े और लालभाई तम्बोली
को पकड़कर अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया । दूसरे
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