हिंदी लोक - कथा कोश भाग 3 | Hindi Lock-katha Kosh Vol-3

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Hindi Lock-katha Kosh Vol-3 by रोशनलाल जैन - Roshanlal Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लादना पड़ता है । लालभाई तम्बोली ने विचार किया कि : अब क्या करना चाहिये ? कुछ देर बाद उसने कहा कि : “अरे भाई ! तुमसे जब पूछा जाये, तब तुम बेधड़क कह देना कि लालभाई तम्बोली ने ही बेगम साहिबा का खुन किया है । उसके बाद तो यह बादशाह है या मैं हैँ। अब तक इसको कोई सिरफिरा मिला ही नहीं है। 'शाम के समय बादशाह ने बांसफोड़ों को बुला कर पूछा : 'सात सौ सत्तर में से किस काफिर ने बेगम का खून किया है? उसको ही पेश किया जाये । बाँसफोड़ों ने तुरन्त ही बेधड़क उत्तर दे दिया कि : 'बादशाह सलामत ! खून हमने नहीं किया है, लालभाई तम्बोली ने किया है ।' बादशाह को जोश आ गया । लालभाई तस्वोली किस खेत की सूली है । लालभाई तम्बोली ! पकड़ लाओ उस सुअर की. औलाद को । और बन्द कर दो उसे हवालात में । सिपाही लोग दौड़ पड़े और लालभाई तम्बोली को पकड़कर अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया । दूसरे




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