सफल जीवन | Safal Jeevan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.99 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भमका ३१
मनुष्प पक्का इरादा कर लेता है, तो ब्रह्म को अवदय-
मेत्र साप्ञाव करलेता है। माधवराय पेशावा ने
मरते समय कहा, कि 'गेरी तीन इंच्छाएं मन ही में रह
गई”-एक सो में गगिठज़ई जाति के छोगों को परास्त
करना -चाइता था, दूसरे घुलतान देदर अली को
नीचा दिखाना चाइता था, और तीसरी बात यह है,
एके में अपना ऋण छुकाना चाहता था” नानाफड़-
नवीस जहां पर विधमान थे, उन्होंने यह छुनकर
मतिज्ञा की, कि “इन तीनों बातों को में पूरा करूंगा”
और उन्होंने तीनों घातें पूरी कर दिखाई । बीरवर
हुम्मीर ने बचपन में जब यह दृढ़ संकल्प घार लिया
कि “मैं चिच्ौद का उद्धार करूंगा ” उस समय
उप्त के पाप्त न घन था, न सेना थी, न राज्य था,
तो भी उसने ऐसा बढ़ा काम पूरा कर दी दिखाया ।
उर्पानिपद् में कहा है,-“पुरुष अपने सैकटपों का बना
हुआ है ” संकल्प में ऐसी धाक्ति है, कि दप्तके द्वारा
तुम जो बनना चाहो, बन सकते दो, और नो कुछ
करना चाही, कर सकतें दो । सो तुम अपने मन नं
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