राधास्वामी दयाल की दया | Radhaswami Dayal Ki Daya
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17.82 MB
कुल पष्ठ :
348
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१३ )
लटकन न पल वललकनए पलकल वन यवनपयथपथयथयथक थ
मैं .मिलू गा - निगुरे को सेरे दरबार सें |.
दखल नहीं है अब जा कोई यह व्सषे
कि जीव संतं का बचन क्यों लीं सा
नते हैं - से सबब उसका यह है कि
खौफ तार शोक, नहीं है जिसका सा |
लिक का खाफ छेाएगा उसको शोक
मिलने का भी होगा पहिले खौफ छा
ना चाहिये ॥
[३] .श्पाज कल के गरु. येलां तो
कर लेते हैं शरीर पत्थर पानी में जीव
को लगा देतेड्ं - चाहिये ता यह था
। कि त्पपने से प्रीत कराते सा वह क्या
| करे उन्होंने ब्माप गुरू से प्रोत करी |
हाती ता वक्त भी दपनी पीत कराते |
ऐसे जा गुरू: हैं उनका नाम गुरू नहीं
डासकता है ॥
[३३] ' जिसका दद॑ परमाथ का और
डर चौरासी का है उसका सुनासिब यछ |
अध्ययन
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