हिंदी साहित्य का इतिहास | Hindi Sahitya Ka Itihas

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Hindi Sahitya Ka Itihas by रामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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४ उत्तर -मध्यकाल रीतिकाल १७००-१९०० प्रकरण १ सामान्य परिचय रीतिकाल के पूर्ववर्त्ती लक्षण-अ्रंथ २३९ रीति परंपरा का श्रारंभ २३२ रीति-ग्रंथों के श्राघार र ३३ इनकी झखंड परंपरा का श्रारंभ २३३ संस्कृत रीति-ग्रंथों से इनकी भिन्नता २३३ इस भिन्नता का परिणाम २३३ लक्षण ग्रंथकारों के आचार्यत्व पर विचार २३४ इन म्रथों के श्राधार २३४ शास्त्रीय दृष्टि से इनकी विवेचना २३४-२३६ रीति-प्रंथकार कवि श्रौर उनका उद्देश्य २३६-३७ इनकी कृतियों की विशेषताएं २३७ साहित्य-विकास पर रीति-परंपरा का प्रभाव २३७ रीति अथों की भाषा २३७-४० रीति-कवियों के छुंद श्र रस र४१ 1.. न्न् प्रकरण २. . रीति ग्रंथकार कवि-परिचय २४र२-३२१ | प्रकरण ३. _ रीतिकाल के अन्य कवि... इनके काव्य के स्वरूप श्रौर विषय २९२२ रीति श्रंथकारों से इनकी भिन्नता ३२२ इनकी विशेषताएं २९२ इनके ६ प्रधान वग-- -१ श्ंगारी कवि ३२२ र कथा-प्रबंधकार रे२२-३ेर३ २ वर्णनात्मक प्रबंधकार ३९३ ४ सूक्तिकार रेररे-र४ ५ ज्ञानोपदेशक -पद्यकार ३ र४५ ६ भक्त कवि ३२४ वीररस की फुटकल कविताएं ३२२४-२५ इस काल का गद्य साहिस्य ३२५ कवि-परितवय दे रे५-४०२ रलपपववसलपा कर




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