ब्रह्मसूत्र भाष्यम् भाग १ | Brahmasutra Bhashya vol-i
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.22 MB
कुल पष्ठ :
326
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८ महच्च प्रामाण्यकारणसेतत् यद्वेदान्तानां चेंतन- कारणत्वे समानगतित्वमिति सवेज्ञस्येव जग- त्कारणत्वसमथनमू ८... ४८ स कारणम. इत्यादिश्रुतो स्वशब्देनैव श्रुतत्वा्य ब्रह्लैव कारणमिति निगमनमू् ० बट सोपाधिकत्वनिरुपाधिकत्वाभ्यां द्विरुपतया अवग- म्यमानस्प ब्रह्मण उपास्यतया जेयतया च बवेदा- न्तेषूपदेश इति प्रद्शनाथलया उत्तरग्रन्थस्यो- त्थानसमर्थनम् .... ४९ ६. आनन्दमयाधिकरणमू ५१-६३ वृत्तिकारमतेन अधघिकरणारचन मू ५१-५८ आनन्दमयो त्रह्म वा अमुख्य आत्मा वेति अमुख्य आत्मा आनन्दमयः तत्प्रवादपति- तत्वात् प्रियाद्यवययवयोंगात् शारीरत्वश्रवणा- पूर्वपक्ष डे . परस्मिन् आनन्ददब्दाम्यासेन सिद्धान्त .... ५२ अमुख्यप्रवाहपतितत्वप्रियसंस्पशशारीरत्वश्रवणरू- पाणां पूवपक्षबीजानां निरसनमू ..... ५३ मयटों विकारा्थत्वमवछम्ब्याक्षेपस्य प्राचुर्यार्थक- त्वप्रदर्शनेन निरासः . .... ३ आनन्द्हेतुस्वव्यपदेशात्च प्राचुयसमर्थनम .... ५४
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