सामान्य भाषाविज्ञान | Samanya Basha Vigyan

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Samanya Basha Vigyan by बाबूराम सक्सेना -Baburam Saksena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(ड ) शरीर अधिकतर विकल हो जाता है. जैसे भइ है, आदि (३४); वलाघात तथा -भावातिरेक में भी प्रयत्नलाघव के कारण परिवर्तन (३५) बड़े व्दों को संक्षेप रूप से व्यक्त करना आदि (३५) । प्रयत्नलाघव की दृष्टि से मन का आगे को 'ब्वनियों पर पहुँचना और विभिन्न ध्वनिविपर्ययों का भाषा में आगम--परस्पर विनिमय (३६), ध्वनिलोप या अक्षरलोप (३६), समीकरण--पुरोगामी तथा पश्चगामी (३७), विषमीकरण (३७) । अन्य प्रयत्त छाघव-जन्य परिवर्तन-- संयुक्ताक्षरों के वीच या पूर्व स्वरागम ( स्वरभक्ति और अग्रागम) (२८), एक ही विचार के वाचक दो दाव्दों (३८) या दो वाक्य-विन्यासों का मिश्रण (३८) ; तथा विदेशी शब्दों का स्वदेशी परिचित शब्दों से मिलता-जुलता उच्चारण (३९) । सातवां अध्याय -'ध्वनि यंत्र पू० ४०-४४ ध्वनि यंत्र (४०) वास की विचित्र विकृति से ध्वनिसृघ्टि (४१) तथा भोजननालिका (४१), स्वरयंत्र तथा स्वरतन्त्रियों की चार विभिन्न स्थितियाँ (४१-४२) । ध्वनियंत्र के विभिन्न अवयव--मुखविवर आदि (४२) अलिजिह्न की तीन विभिन्न अवस्थाएँ (४२-४३), जीभ की विविध अवस्थाएं (४३-४४) । इस प्रकार स्यानभेद व प्रयत्नभेद से अनन्त ध्वनियों की सृष्टि (४४) । ध्वनि का लक्षण (४४) तथा तीन अवस्थाएँ (४४); प्रो० डेनियल जोन्स के मत से ध्वनि का लक्षण (४४-४५) । ध्वनिग्राम (४५) । अठवां अध्याय--ध्वनियों का वर्गीकरश पू० ४६-४२ स्थान तथा प्रयत्न पर ध्वनियों का द्विधा वर्गीकरण (४६) । स्वर तथा व्यंजन (४६) और उनके लक्षण--प्राचीन (४६) तया आधुनिक (४६-४७) ; स्वर तथा व्यंजन का भेद (४७) । स्वरों का वर्गीकरण (क) जीभ के विभिन्न स्थानों पर--अग्र, मध्य तथा परच स्थान (४८) तथा (ख) मुख के खुलने पर संवृत, विवृत, अ॑संवृत तथा अर्धविवृत (४८-४९) । व्यंजनों का वर्गीकरण (क) सघोष तथा अघोष (४९); (ख) द्वयोष्ठ, दन्त्योष्टूय, दन्त्य, वर्त्स्य, तालब्य, मूर्घन्य, अलिजिह्लीय उपालिजिह्लीय तथा स्वरयंत्र-स्थानीय (४९-५०) (ग)) अयत्न-भेद से--स्पशश, संघर्षी, पाइ्विक, लोडित तथा उांत्क्षप्त (५०-५१), (घ) अनुनासिक तथा अननुनासिक (५१) । य्‌ और व्‌ के दो रूप (५१) अल्पप्राण और महाप्राण (५१-५२) । मुख्य तथा गौण स्थान (५२) ।1। नवां अध्याय--ध्वनियों के गुण पृ० ५३-४६ मात्रा, सुर और वलाघात (५३) । मात्रा के तीन प्रकार--ह्लस्व, दी्घ॑ तथा




User Reviews

  • ईपुस्तकालय

    at 2020-07-10 20:38:21
    Rated : 5 out of 10 stars.
    पुस्तक का साइज अधिक है, किन्तु लिंक ठीक प्रकार से काम कर रहा है | आप डाउनलोड करने हेतु पुनः प्रयास कर सकती हैं |
  • Pooja

    at 2020-07-07 09:52:58
    Rated : 5 out of 10 stars.
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