मध्यकालीन भारत | Madhyakalin Bharat

Madhyakalin Bharat by वी. डी. महाजन - V. D. Mahajan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ढ न हुमायूं के पुनः सिहासनारूढ़ होने के प्रयत्न ट हुमायूँ की असफलता के कारण 5 हुमायू का पयंवेक्षण झप्पाप ४--धरदाह सुर शीर उसके उत्तराधिकारी 80०7 शिफ&क डिपाः 0 सं डिप्०0०88018 क शेरखाँ भर हुमायूं ख शेरर्खा श्रौर बंगाल ग बंगाल पर मुगलों का भाधिपत्य व मालवा की विजय ड रायसिन की विजय च मुलतान व सिंघ विजय छल जोषपुर के साथ युद्ध ज दोरदाह का प्रशासन सरकार पं परगने हर 0 दोरदाह की सेना सर ९ भये-व्यवस्था मंडे ४ राजस्व-प्रशासन रं न्याय-व्यवस्था र५ पुलिस रा मुद्रा 5 व्यापार 2 यातायात के साघन रा दानशीलता द चिक्षा र्ं युप्तचर विभाग दार् घारमिक नीति रबर इमारतें क शेरणाह का पर्यवेक्षण न शेरशाह के सत्तराधिकारी ट इस्लामगाह ठ मोहम्मद ध्रादिल ड सूर साम्नाज्य के पतन के कारण छप्याय श--शफूयर 5४08 कफ १५५६ मे सारत की ध्वस्था स्व 1 ३५-३८ ३८-४१ रन दद-छो घन ४-५० ० भ््् ष्र्् पं परुरद-शु श५-६३ प््७ भ्रु७ ७-१८ श८-५८ शर्ट ९-६० ६० ६० ६० ्श द््शू घट ६१-६२ ६२०६३ ६३-६७ द्9 ६७-७१ ७१-७२ ७२-७४ ७५-१५४ ७५-७८




User Reviews

  • Parad Jain

    at 2020-05-08 18:09:36
    Rated : 8 out of 10 stars.
    पुस्तक के भाग 2 मे प्रथम अध्याय से लेकर 4 अध्याय तक कई पृष्ठ ही नहीं है ।
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