तैरापंथ का इतिहास खंड 1 | Terapanth Ka Itihas Khand-1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21.98 MB
कुल पष्ठ :
914
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(प्र
का सत-समागम १ ५३, और कोई होगी १५५, व्याख्यान में पत्थर १४४, भगवान् का
अपराधी १४६, चिन्ता का निराकरण १५६, एक छिंगजी की आण १४७, सफल
प्रवास १४७ ।
अध्याय ६ : घरुद्धावस्था पृष्ठ १६८-१६२
विहार स्थगन पृ० १ ५८, तपस्या मे अभिरुचि १४८, दर्शना थियो का मागमन १९४९,
अन्तिम शिक्षा १६ ०, आत्मालोचन १६०, फिर राजनगर में १६०, सागारिक अनशन १६०,
महाप्रयाण १६१, महाराणा का आग्रह १६१ ।
अध्याय १० ज्ञातव्य विवरण पुष्ठ १६३-१६४
महत्त्वपूर्ण वर्ष पु० १६३, महत्त्वपूर्ण स्थान १६३, आयुष्य विवरण १६३, विहार
क्षेत्र १६३, चातुर्मास १९६३, शिष्य-सम्पदा १६४ ।
चतुथ परिच्छेद
(आचार्य श्री रायचन्दजी १ ६४-१४ ०)
शष्याय १ गृहि-जीवन
पृष्ठ १दृ-१६८
सम्पन्न घर पृ० १६७, घर्म का प्रवेद १६७, विरागभाव ३ ६७, स्वामीजी का
आगमन १६८ ।
अध्याय ९. साधु-जीवन एष्ठ १६४६-१७१
सयम-ग्रहण पृ० १६९, भविष्यवाणी १६९, ब्रह्मचारी कह रहा है १६ ९, मैं मोह क्यो
करूं ? १७०, आागम-ज्ञान १७०, सरस व्याख्यान-दाता १७०, निपुण सहयोगी १७१३
अध्याय ३ उत्तराधिकार-प्रासति पृष्ठ १७२-१७६
अनेक योग्य व्यक्ति पु० १७२, परामर्द १७२, दो नाम १७३, पद-समपैण १७४ ।
अध्याय ४. प्रभावशाछी आचार्य पृष्ठ १७७-१८२
अनुभवी पृ० १७७, तपस्या पेरक १७७, तमाखू पर नियत्रण ३ ७७, दीक्षा-घृद्ध और
१७६, नरवेद तिथि १८०, अपने प्रति
सत्य की विजय १८१, इक दिन ऐसो आवियो श८२।
अध्याय ५ . जनोपकारक यात्राएँ पृष्ठ १८३-१८६
मालव-यात्रा पृ० १८३, थली में पदार्पण १५३, अन्य प्रचारक १८३, थी निवासी १८ ३,
घमं-प्रसार १ ८४, अनेक चातुर्मास १ ८४, अनेक देश , एक यात्रा १८४, गुजरात में १८४,
सौराषट्र में १८५, कच्छ में १८४ ।
अध्याय ६ : अचानक शरीरान्त
माऊव की प्रार्थना पु०
ति सत्य १८०,
पष्ठ १८७-१८८
१८७, भन्तिम विहार १८७. श्वास-प्रकोप १८७, शरीरान्त १८५ ॥
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