योगसाधन की तैयारी | Yog Sadhan Ki Taiyari
श्रेणी : धार्मिक / Religious, योग / Yoga
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.92 MB
कुल पष्ठ :
110
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(श८) योगसाघनको तैयारी
अनुसार जी तर्क किया जाता दे, अनुमान कदते ई । तथा प्राचीन सत्
जो अनुभव शब्दोंमें संग्रदीत दोता दे, वद्द आगम द्ोता दें । यदद
थी क्लेशवाइक और क्ले्ानियारव' होती दै। सदूगुरके झव्दपर रसनेते
जाम हो सकता दै और दाव्दपर विधास रखनेसे नि होती है | प्रमाण-
पूर्वक तर करनेसे दोत। है, परंतु वितईमे हानि होती हैं। इस
श्रमाणद्भाति लामदायर भी हैं और हानिकारक भी होती हैं 1
उलटा ज्ञान द्ोना मिपयंय कदलाता है । यथार्भ स्वशपमे भिन्न घुछ
समझना िपर्ययतृत्ति दे । पदार्यका वास्तविक ययार्य शान होनेसे लाम
गौर चलटा शान दोनेमे दो सकता है 1 कई छोग अमसे दानिदारक
पदार्गकों उद्घारक समझते हैं और सत्य श्रेष्ठ उद्धाररी द्वानिकारद समझते दें
शीर फंस जाते हैं । यद उठा शन है । मनुप्यकों इस प्रकारदी विपरीत
भावनासि बचना 'चादिए ।
बेवल दाच्दसे ही एस कल्पना होती है, परंतु बास्तवर्में उस शाब्दका
बाध्य वोई पदार्थ नई देता । दस प्रकारके कल्पनामात्रझो विकल्प काूते दें ।
यारससे सोना होता दे, ऐसा समझा जाता है। यहां पारस न दोते हुए मीं उतरी
कह्पना लॉंगेमिं है । इसके श्रमसे ठौग कंसते दं, मिथ्या मार्गसे गोते खाते रहते
हैं । इसी प्रवार इस विपयकी और भी वाते देयनी होती हैं। मनुष्यकी सुदरता,
आदि शन्द हैं, परंतु मनुष्यसे मिभन इनका अस्तिव मी
दे । इसी प्रकार इस विपयमें समझिये ।
अजुमभव सबवों है । प्राणी प्रति दिन निद्रा अनुभव लेता
है । निदाके समय अमावरा प्रथय आता दै । जाएतिमें जो दिसाई देता था,
उस सबरा उस अमाय दो जाता दे । परंतु जागनेकें समय वह कहता
है कि जादा | “ सुझे अच्छी नींद लगी थी; मैं अच्छी कार सोया था। ” अर्थात,
निदामें भी जीवकों प्रढारका अनुभर आता दै । यदद एक चित्तदीं वृति है ।
पाचवी चित्तवृत्ति रु्नति दे । अनुभव स्ये हुए विपयका स्मरण करना स्मृति
चद्दी जाती दे ।
उक्त प्ररारकी पाव यृत्तिया हैं । इनका दरएक अतिदिन अनुभव
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