श्री पुराणसंहिता | Shri Purana Samhita
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
73.84 MB
कुल पष्ठ :
341
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥ शीपुरवोत्तमाय छष्णाय नम ॥
श्रीमहपा यनप्रणीता
ऋ#चौॉनिक उवाच--
सूत सूत महामाग त्वया भगवता सता |
व्यासमसादाधिगतधाखससम्बोधनेन च ॥ १ ॥
अष्टाद्शपुराणानि सातिहासानि चानघ ।
उपक्रमोपसंहारविधिनोक्तानि कृत्स्नदा। ॥ ९ ॥।
चतुदशसदखें तु मात्र प्रोक्ततिस्फूट मू ।
तत्तख्याक भांवष्य च श्राक्त पचयुताघिकम ॥ है॥
माकण्डेय महारमण्य॑ प्रोक्तें नवसइस्रकस ।
अथ बागवर्त दिव्यम्रादशसइस्रकम ॥ '४ ॥
शतोत्तर च ब्रह्माण्ड सूय॑संख्यासइख्कम ।
कथित. ब्रह्मवेवतेम्टादबासइस्रकमू ॥ ५ ॥
सदस्राणि ददोवाक्त पुराण ब्रह्मनामकम ।
अयुतइढोकघटित पुराण वापनाणिधसम ॥ ६ ॥
तथेवायुतसंख्याकं पद्चताधिकमानिकम् ।
श्रयोदिंशतिसाइख॑ देष्णवं समुदाहतस् ॥ ७ ॥।
पंचर्बिदातिसाइस्र नारदीयपुदाहतम ।
रुट्रसख्यासइखाणि प्रोक्त लिंगारूयपद्चुतम ॥८॥।
एकोनबविंशलाइखें.... वेनतेयसुदाइतमू ।
सहसपंचपंचादात् पाथ्यम्प्रोक्क॑ सुविस्तरमु ॥ ९ ॥
सप्तदयासइस्राणि झूम मोक्त मनोहरमू |
# छवित् “'शोनकादिऋषय ऊ्चुः* इति पाठ ।
१ पंचपंचाश साइस्ल 'पादं प्रोक्तं खुविस्तरमूर इत्यपि पाठ ।
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