हिंदी साहित्य का इतिहास | Hindi Sahitya Ka Itihas

1010/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hindi Sahitya Ka Itihas  by रामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukla

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukla

Add Infomation AboutRamchandra Shukla

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(६ १० 2) राय साहब बाबू श्यामसुदरदास बी० ए< की “हिंदी-कोविद्- रन्ममाला!, श्रीयुत पं० रामनरेश त्रिपाठी की “कबिता-कौसुदी' तथा श्रीवियागी हरिजी के “व्रजसाघुरी-सार' से भी बहुत कुल सामग्री मिली है अतः उक्त तीनों महानुभावों के प्रति मैं 'पनी कृतज्ञता श्रकट करता हूँ। “आधुनिक काल के प्रारंभिक श्रकररण लिखते समय जिस कठिनता का सामना पड़ा उसमें मेरे बड़े पुराने मित्र पं० कदारनाथ पाठक दी काम आए । पर न आज तक मैंने उन्हें किसी बात के लिये धन्यवाद दिया है, न अब देने की हिम्मत कर सकता हूँ । “घन्यवाद' के वे '“व्ाजकल की एक बदमाशी” समभते हैं । इस काय्यें में मुझसे जो भूलें हुई हैं उनके सुधार की, जो त्रूटियाँ रद्द गई हैं उनकी पूर्ति की श्लौर जा अपराध बन पड़े हैं उनकी क्षमा की पूरी झाशा करके ही मैं अपने श्रम से कुछ संताष-लाभ कर सकता हूँ । काशी क -आषाढ़ कृष्ण ५.; १६८६ रामचद्र शुक्




User Reviews

  • Surya Prakash

    at 2019-10-12 06:40:27
    Rated : 10 out of 10 stars.
    रामचंद्र शुक्ल के अनोखे किताब हिंदी के इतिहास के मिल के पत्थर जय हिन्द
Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now