विज्ञान के नये आयाम | Vigyan Ke Naye Ayam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.28 MB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१७
को निकाल लेता है । उसके स्थान पर चीखटे में बन्द लेप वाली
४ पट्टिका कैमरे में लगा देता हैं । ताल पर ढक््कन लगा देता है। पुनः
। चौखटा खींच लेता है तो पट्टिका का लेप वाला माग ताल के सामने
। खुल जाता दै । परन्तु '्धिकतर कैमरों में चित्र ठीक करने वाला
। यस्त्र लगा दोता है । यदद ताल के उपर लगा द्वोता हैं । फिल्म खुली
। रहती हैं परन्तु ढक्झन बन्द रदददा है । जत्र किसी का चित्र खींचना
होता दै तो चित्र देखने वाले यन्त्र में देय कर ताल को आगे पीछे
| सरका कर श्रथवा कैमरे को '्रागे पीछे सरका फर चित्र ठीक कर
लेते हैं । तत्र चिश्रवार कदता हैं कि 'छूपया सायधान' | पुनः ढकषन
' को द्वाथ व कमानी से घटन दबाकर खोल देता है । जो दृश्य सामने
होता दै; उसका प्रकाश ताल में से जाकर फिल्म के लेप पर श्वपना
सम कर देता हे । यदि अय इस पट्रिका को धन्येरे में देखें तो उस
२ कु प्रदीत नहीं दोगा, क्योंकि यद रसायनिक परिवर्तन न्यूनतम
होता हैं । इसको डेबलपर दया दाइपो के घोलों में प्रथक प्रथक
घोफर साफ कर लेते दें तो चित्र पर का श्यप रिवर्तित लेप घुल जाता
है श्लौर परिवर्तित लेप जम जाता दै । इसे साफ पानी मे धोकर
प्रकाश में लाने पर कोई हानि नहीं ोती दै। इस फिल्म या
पहट्टिका को निपटू कहते है। इससे अनेकों चित्र बनाये जाते हैं ।
इस निपट्ू (निगेटिव) से फागड़ पर चित्र धनदा दै ।
इस निपट्ट के नीचे उसी प्रकार का लेप चाला काग ' गस कर
चौसरे में कस देते हैं । यदद अन्वेरे कमरे में करने हैं « एक हीज
कर
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