प्रेरणा - प्रवाह | Prerana - Pravah
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
188
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)झ्दिसामूलक करुणा श्द्
खाना हा परे, यह लाचारां बी श्रवस्या मां नहा आनी चाहिए। समय
थर खार्प लेकिन शरुधा को पीड़ा सहन नहाों कर सस्ते ऐसो हातत ने
झाये । ऐसा हालत में श्रपने पर हो हमारा सत्ता नहीं रहठी ! जिन
बामनाओ से मनुष्य भाजाटी सत्त्व श्रौर काबू खाता है. उन वासनास्ा
वा भी वादू में रखने की बाधित हानी चाहिए । इसलिए पंजाहार वा
शाइकर निराहार का विचार श्राया ।
सारारा वासनामा के निरावरण का मम यह होगा
१ बुवासना का त्याग
२ सद्दासना भी सबको उपलघ न हा दो उसका त्याग
३ सद्ासना हो लेकिन उस भाग में मात्रा श्रौर
४ ध्याकुनता को काबू में रखने के लिए सद्टासता का स्पाग ।
दौर पंजाब बायकर्ता शिविर में
<€ ८ ६०
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