निर्वाचन पद्धति | Nirvachan Paddhati

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Nirvachan Paddhati by दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey

Add Infomation AboutDayashankar Dubey

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
६ निवाचन पद्धति (केन्द्रीय) व्यवस्थापक सभा के चुने जाने वाले सदस्यों में से अधिकांश, प्रान्तीय व्यवस्थापक परिषदों के सदस्यों द्वारा निर्वाचित होते थे । परोक्ष निर्वाचन की दूसरी विधि यह है कि साधारण मतदाता पहले कुछ निर्वाचकों का चुनाव करते हैं | ये निर्वाचक फिर प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं । इस प्रकार, कल्पना करो कि किसी प्रान्‍्त की चार करोड़ श्राबादी में दो करोड़ मतदाता हैं, श्र इस प्रान्त में चालीस जिले हैं, तथा हर एक जिले में श्रौसतन पॉचु-पाॉँच लाख मत- दाता है, तो श्रगर एक ज़िले को दस-दस निर्वाचक-संघों में विभक्त किया गया तो उपयुक्त पद्धति के श्रनुसार पहले प्रत्येक निर्वाचक-संघ के मतदाता श्रपनी ओर से कुछ निवाचकों का चुनाव करेंगे । कल्पना करो कि प्रत्येक निर्वाचक संघ के पचास-पचास हज़ार मतदाताश्यों ने पचास- पचास निर्वाचकों का चुनाव किया तो श्र प्रान्तीय व्यवस्थापक सभा के सदस्यों का चुनाव करने में प्रान्त के समस्त दो करोड़ मतदाता भाग न लेंगे, वरन्‌ प्रत्येक निर्वाचक-संघ के केवल पचात-पचास निर्वाचक, अर्थात्‌ प्रान्त मर के कुल मिलाकर ४० >६ १० >(४५० अर्थात्‌ केवल बीस हज़ार निर्वाचक ही चुनाव करेंगे । परोक्ष निर्वाचन के पक्त में यह कहा जाता है कि यह सरल, सुगम तथा कम खर्चीला है। एक बार स्थानीय संस्थाश्रों के सदस्यों का निर्वाचन हो चुकने के बाद प्रन्तीय या केन्द्रीय व्यवस्थापक परिषद के चुनाव के लिए फिर वैसा ही भंकट उठाना नहीं पढ़ता; करोड़ों आदमियों को बार बार मत देने का कष्ट उठाने की श्रावश्यकता नहीं होती । मध्यस्थ संस्था ( म्युनितिपिल बोड आ्रादि ) के सदस्य साधारण जनता की श्रपेक्षा श्रधिक योग्य होते हैं, श्रौर वे आपने प्रतिनिधि विशेष रूप से सोच समभक कर भेज सकते हैं । परन्तु इसका दूसरा पहलू भी है; श्रर्थात्‌ इसके विपक्ष में भी कई बातें विचारणीय हैं । स्थानीय संस्थाद्यों के सदस्यों का चुनाव करने से सवसाधारण॒ मतदाताओ्रों में स्थानीय राजनीति में श्रनुराग उत्पन्न




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now