कालिदास | Kalidas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
250
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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[ कालिदास फा आधिर्भाव-काल ।
कहानियों के राज्य में जा गिरे! श्रर्थात् उनकी स्थिति का
कुछ भी पता-ठिकाना नहीं, यह मेकदानल साइव
की राय हुई ।
. फालिदास फे छुढे शतक में होने के श्र थो थो
झलुमान विद्वानों ने किये थे उन सब का खणडन श्रध्यापफ
मेफ्रडानल ने स्वयं दी कर दिया । इससे उनके दिपय में
इम कुछ नहीं फदतते । पर अध्यापक महाशय को कालिदास
के बहुत पुराने, '्र्थात् इसा के पहले, पदलीं शताब्दी मैं;
होगे का कोई ममाण नहीं मिला! श्नुमान की भी कोई
जगदद श्ापकी नहीं मिली ।. श्यापने इस मददाकधि फो सिफें
१०० चपें पढिले श्लौर पहुँचाया 1. “प्रपतप5, है 06९6 पड,
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कालिदास के होने का श्रलुमान फरने के लिप यथेष् फारण
है। बम १ इसलिए--
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मिला है। यदद लेश फविता-वद्ध हैं। कविताकार का नाम था
घत्सभट्धि। उसने फालिदासीय कविता का श्रदधुसरण किया
है। कई चघातों में इस कवि फी कदिता कालिदास कीं
कषिता से मिलती 'है। इसीसे सएदब . ने, श्र झन्यास्य
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