कुणाल | Kunal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कुणाल
०2१०,
2
पहला झड्झू
पहला दृश्य
स्थान--पाटलिपुन्न में श्रशोाकाराम चिद्दार
समय--सार्यकाल के पूर्व
[ कुछ मिक्लुओं का वार्वालाप ]
पहला मिज्लु-इसकी ईंष्या की कुछ सीमा नहीं, दप का कुछ
अन्त नहीं । शेफ है इस महारानी पर !. यह मौयकुल
के यश की उज्ज्वल चादर पर कलक्क लगायेगी ।
दूसरा मिक्ठु--क्यों ्यानन्दगुप्त ! कुछ और नह घटना हुई कया ?
भानन्दगुप्त--सा ता प्रतिदिन होती रहती है। झाज सम्राट ने वोधि-
बृत्त के लिए मूल्य उपदार भेजा ।. तत्काल तिष्यरक्िता के
नेत्र तप्त शाखित से रक्त हो गये । उसके सुख से झस्वीकृति
की झलक अकट की । परन्तु सम्राट से वह कुछ कह न सकी ।
दूसरा मिछु--इस महारानी का चरित्र सहारानी पद के अतिक्ूल
है। वोधिवृक्ष से ईप्या ! दोधिवृत्त से दप ! वह वोधि-
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