सुलझी हुई गुत्थियाँ | Suljhi Haui Gutithyan

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Suljhi Haui Gutithyan by स्वामी सत्यभक्त - Swami Satyabhakt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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च््द ३ प्रश्न- सत्य और अहिंसा के. रूप भें आपने पुरुप-रूप और नारी-रूप को रखा, इस का वास्तविक कारण क्या है ? ( घर्माठय मे दर्शन के लिये आगे हुए गवालेयर स्टेट के एक मिनिरटर ) उत्तर-- ईश्वर कहीं पुरुष-रूप माना. गया है जैसे- मुमलमान, इंसाइ, यहूदी आदि में, अथवा पुरुष-रूप को मुख्य बनाया गया हैं जस-.व-वैष्णव अदि में , कहीं उन नारी रूप दिया. गया है ९ जैसे झाक्तों मे, जगदस्बा काली आदि । पर इंश्वर का टिंग क्या ह -काश नहीं कद सकता । हों, इश्वर सब-गुण-भण्डार होने पर भी उसे पुरुपत्व भी पूर्ण हैं और नारीव भी पूर्ण है इसल्यि उसे उमयढिंगी कददना चाहिये । इस देश मे यह




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