बापू - स्मरण | Bapu - Smaran

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Bapu - Smaran by आचार्य कृपालानी - Aacharya Kripalani

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डायरी के अंश १९२४ २६-१-२४, पुना पू० महात्माजी के दर्शन किये । वार्तालिप हुआ | २८-१-२४, बंबई पुना से 3-४० की एक्सप्रेस से पू० महात्माजी के दर्शन व वार्ता वरके रवाना हुआ । रास्ते में मथरादास त्रिकमदासजी के साथ बातें । र२-२-२४, पुना ऐड्रूज के साथ बापूजी से मिला । ऐंड्र ज के लिए खादी की धोती, कुरता व चहर ली । पु० बापूजी से बातें । ५-र-२४, वर्षा आश्रम के भविष्य के कार्य के बारे में विनोबा से खूब बातें । जाजूजी से भी विचार-विनिमय । कार्य के सम्बन्ध में कुछ निश्चय । पु० महात्माजी के आज प्रातःकाल छूटने के तार मिले । चित्त में विद्वेष आनंद नहीं हुआ । महात्माजी के छूटने के बारे में आम सभा हुई । श्री रबेला ठीक बोले । क १०-२-२४, वर्षा गांधीजी की पालखी (जुलूस) निकली । श्री जयदयालजी गोयनका से अलग बातें । उनके प्रदनों का स्पष्टता से जवाब देने की कोदिद । महात्माजी के व इनके सिद्धान्तों में अंत्यज-संबंधी बड़ा फर्क है; कार्य-पद्धति का भी । ३४-२४, नासिक अग्रवाल महासभा में जाना नहीं हो सका । उक्के लिए मन में थोड़ा विचार आया; प्रेम-अश्नु भी आये । जाने के लिए पू० महात्माजी की




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