मन और उसका निगृह भाग दो | Man Aur Uska Nigraha Part - 2

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Man Aur  Uska Nighra - 2 by श्री स्वामी शिवानन्द जी सरस्वती

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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4. शरण मन और आदर. .... १६ मन ससार है नल द्वितीय परिच्छेद ञुद्ध मन अशुद्ध मन ३ इत्ति और सन समुद्र .... ४ विचार दाक्ति समर ५ मुख मनका सूचीपत्र है ६ सहत्‌ तत्व पर -७ मन तीन वर्योके अन्दर किया करता है .८ सझुल्प की ९ चासना समर १० मन और शरीर... .. ११ मन और इन्द्रियाँ .. .... १९ मन और ग३ सन भर प्राण परम १४ मन और ..८ ५ सावसिक आकार... ०० १६ सनको तेय्यार करो. ... कै केक १७ मन अपना प्रकाश आत्मासे प्राप्त करता है .... ् ६१ ६७ ७रे दे ६ है ७ ९ थृ००७ पठट ११० ११३ ११७ ११७




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