देखा सुना पढ़ा | Dekha Suna Padha
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
45 MB
कुल पष्ठ :
333
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बेनीपुरी का नाम सदा युवकों के लिए जवानी का प्रतीक बना रहेगा ।
पा | ि
एक बात और याद आयी... ... ... ८... «८...
इधर पिछले दिनों मैं अपनी आर्थिक चिन्ताओं से ऊब कर एक दिन उन्हें
लिख बैठा, अपनी परेशानियाँ, भंकटें । मालम था कि उनकी भी परेशानियाँ
कम नहीं, उनके भी कऋंकट कम नहीं । लेकिन उनके अलावा मुझे समझने वाला
कौन है ! सो, लिख ही दिया ।
हफ्ते भर बाद उन्होंने समभका कर लिखा--
“कैसे आदमी हो ! सोचो न, बेचारी परेशानियाँ मेरे-तुम्हारे यहाँ भी
न जाय. तो भला कहाँ जायें ! कोई पैसे वाला तो उन्हें अपने पास फटकने नहीं
देता । भाखिर उन्हें भी तो इसी दुनिया में रहना है न !”'
.. फिर दूसरे पत्र में लिखा --
“देखो, तुम्हारा मेरा 'तुफान' का साथ है । तूफान जब आये और नात्र
भँवर में फँस जाये तो घबरान। नहीं चाहिये । ऐसे मौकों पर डॉड़ भी छोड़ दो
और बेठ कर मल्हार गाओ । नाव अपने आप भेँवर से बाहर आ जायेगी |
बेनीपुरी साठ पार कर चूके हैं । थक गये हैं । उनके जीवन का तूफान भी
थक गया है । जब तूफान ही नहीं तो मजा क्या ? साठ साल तुफानों को
बनाने, तूफानों को ललकारने, .तूफानों से जूभने वाले बेनीपुरी: थक गये हैं
तो. लगता हैं कि 'तुफान' का एक अध्याय चूक गया है ।
कहते हैं, योद्धा कभी गिरता नहीं, पर जब गिरता हैं तब फिर उठता नहीं ।
अब शायद जीवन भर का यह तूफानी योद्धा लड़ते-लड़ते थक कर गिर
गया है ।
बेनी पुरी आजकल अस्वस्थ हैं जर्सी एलअरमकुसर
के कक
लेकिन बेनीपुरी नाम के साथ जुड़ी जवानी, तूफान, . आज भी प्रेरणा देने
में समये है ।
[सन् १४६२]
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