वीरोदय महाकाव्य | Veerodaya Mahakavya

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Veerodaya Mahakavya by आचार्य ज्ञानसागर -Acharya Gyansagar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कि ऋ ऋ ऋ के ऋ ऋ ऋ ऋ अर ऋ ऋ भा ा ऋ पर अर पर ऋ का भा अ ऋ अं का काश का के | ट्रस्ट के समस्त सदस्य एवं कोषाध्यक्ष माननीय श्री चन्द संगल एटा, तथा संयुक्त मंत्री ला.सुरेशचन्द्र | जैन सरसावा का सहयोग उल्लेखनीय है । एतदर्थ वे धन्यबादाह हैं । संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागरजी के परम शिष्य पूज्य मुनि 108 सुधासागर जी महाराज के आरशीवाद एवं प्रेरणा से दिनांक 9 से 11 जून 1994 तक श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर संघीजी सागांनेर में आचार्य विद्यासागरजी के गुरु आचार्य प्रवर ज्ञानसागरजी महाराज के व्यक्तित्व एवं कृत्तित्व परअखिल भारतीय विद्वत संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस संगोष्ठी में निश्चय किया. था कि आचार्य ज्ञाससागरजी महाराज के समस्त प्रन्थों का प्रकाशन किसी प्रसिद्ध संस्था से किया जाय । तदनुसार समस्त विद्वानों की सम्मति से यह कार्य वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट ने सहर्ष स्वीकार कर सर्वप्रथम वीरोदयकाव्य के प्रकाशन की योजना बनाई और निश्चय किया कि इस काव्य पर आयोजित होने वाली गोष्ठी के पूर्व इसे प्रव शित कर दिया जाय । परम हर्ष है कि पूज्य मूनि 108 सुधासागर महाराज का संसघ चातुर्मास अजमेर में होना निश्चय हुआ और महाराज जी के प्रवचनों से प्रभावित होकर श्री दिगम्बर जैन समिति एवम्‌ सकल दिगम्बर जैन समाज अजमेर ने पूज्य आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज के वीरोदय काव्य सहित समस्त ग्रन्थों के प्रकाशन एवं संगोष्ठी का दायित्व स्वयं ले लिया और ट्रस्ट को आर्थिक निर्भार कर दिया । एतदर्थ ट्रस्ट अजमेर समाज का इस जिनवाणी के प्रकाशन एवं ज्ञान के प्रचार प्रसार के लिये आभारी है । प्रस्तुत कृति बीरोदय महाकाब्य के प्रकाशन में जिन महानुभाव ने आर्थिक सहयोग किया प्रूफ रीडिंग : श्री कमल कुमार जी बड़जात्या, अजमेर तथा मुद्रण में निओ ब्लॉक एण्ड प्रिन्ट्स, अजमेर ने उत्साह पूर्वक कार्य किया है। वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं । अन्त में उस संस्था के भी आभारी है जिस संस्था ने पूर्व में यह ग्रन्थ प्रकाशित किया था । अब यह ग्रन्थ अनुपलब्ध है । अतः: ट्रस्ट इसको प्रकाशित कर गौरवान्वित है । जैन जयतुं शासनम्‌ । दिनाड्ड : 9-9-1994 (पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व) डॉ. शीतल चन्द जैन मानद मंत्री वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट 1314 अजायव घर का रास्ता किशनपोल बाजार, जयपुर धर कर ऋ के का का का ऋे के भी अ के भर ऋ पर ऋ का पा के भ का ऋ के के के के ऋ के के पर




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