फार्म प्रबन्ध | Farm Prabandh

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Farm Prabandh by रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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फार्म प्रबन्ध की प्रकृति एवं क्षेत्र 5, ग्रकार फामं प्रबन्ध का सम्बन्ध कृपि व्यवसाय के किसी पहलू विशेष से न होकर सम्पूर्ण पहलुद्मों से होता है । 1.4 फार्म प्रबन्ध के उद्देड्य फार्स प्रवर्ध का तात्कालिक उद्देश्य श्रधिकतम श्राधिक लाभ प्राप्ति को माना गया है। परन्तु श्राधिक लाभ की प्राप्ति कई किसानों का म्न्तिम उद्देश्य नहीं होता है। अधिकतर किसानों का श्रन्तिम उद्देश्य परिवार के लिए रहन-सहन के उच्च स्तर व अधिकतम संतुष्टि की प्राप्ति होता है । एक सफल फार्म प्रवन्धक के लिए “सुखी पारिवारिक जीवन” की प्राप्ति ही सर्वोत्तम उद्देश्य है । .श्रगर अ्रघिकतम आधिक लाभ की प्राप्ति ही खेती का मुख्य उद्देश्य होता तो किसान व उसके परिवार के प्रत्य सदस्य दिन में 16 घन्टे, सप्ताह में 7 दिन थ'वर्प में 365 दिन खेत पर ही कार्यरत रहते । वे साधारण जीवन जीते तथा श्रपनी झ्रामदनी का श्रधिकतर भाग पुन. खेती के कार्य मे ही लगा देते । परन्तु फाम से अन्तिम पैसा भी निचोड़ कर निकाल लेने की अपेक्षा श्राराम व जीवन का उपभोग उनकी दृष्टि में ग्रघिक महत्त्वपूर्ण है । सुखी व घ्ारामदायक जीवन-निर्वाह के लिए लाभ श्रत्यन्त महत्त्वपूर्ण है । प्राय: लाभ में दृद्धि रहन-सहन के स्तर वो ऊचा उठाती है । व्यवसाय में पुनः पूजी लगाने व धन सुलभ कराने के श्रतिरिक्त लाभ सुख-सुविधा की वस्तुएँ खरीदने, चिकित्सा सुविधा जुटाने, शिक्षा प्राप्त करने, सामाजिक व पारिव रिक समारोहों के श्रायोजन, श्रादि के लिए कप्तान को क्रय शक्ति भी प्रदान करता है । फार्म प्रबन्ध का उद्देश्य श्राय को उस स्तर तक पहुंचाना है जहाँ किसान परिवार को भरपूर व समृद्ध जीवन प्राप्त हो सके 1 श्रत: फा्मे प्रवन्ध का उद्देश्य निम्नलिखित दो मुख्य लक्ष्यों की प्राप्ति है : क्र पु 1. लाभ को उस सीमा तक पहुंचाना जो उपलब्ध साधनों एवं फार्म . संचालक की योग्यताश्रों के श्रनुरुप हो । 2. फार्म व्यवसाय व परिवार में लिए जाने वाले निर्णथों मे सामंजस्य स्थापित करना जिससे परिवार की श्रावश्यकताय्रों थ इच्छाश्रों की अधिकतम सीमा तक पूति हो सके ! अगर हम अपने चारों और दृष्टि दौड़ायें तो पायेंगे कि श्रधिकाश सफल' फार्म प्रबन्धक मात्र फार्म व्यवसाय मे ही श्रग्रणी नहीं होते वरन्‌ अपने समुदाय व समाज में भी श्रग्रणी होते हैं । उनमें सोचने, समभकते व उचित निर्णय लेनेकी शक्ति होती है । वे सफल फार्म प्रवन्ध व सफल गृह प्रबस्ध मे उचित समन्वय के लाभ को समभते है । वे अपनी प्रबन्ध कुशलता से फार्म व्यवसाय_से होने वाली आय को उस सीमा तक पहुँचा देते हैं जो परिवार के भरपूर व. सुखी , जीवन के लिए पर्याप्त होती है। अपनी आय में वृद्धि के लिए वे द्रिन्तर ' नयी व उन्नत कृषि विधियों की खोज में लगे रहते हैं । इस चेप्टा के “'दौरान,बे श्रस्य




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