वीरमणि | Veeramani

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Veeramani  by श्यामविहारी मिश्र - Shyamavihari Mishr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मनुग्य की कल्पनात्मक शक्तियों से ही उसके जीवन में आत्मनिमांण का कार्य होता है! । विचार करना आत्म-निमांणश करना है । एक तरह से हमारा सारा जीवन आआात्म-निमाण करने में दी बीता है फिर भी दम इससे छानभिज्ञ रहे हैं । सारे ख्याल से यह कोई दूसरी श्रदूमुत एवं देवी शक्ति है जिसे प्राप्त करने के लिये हमें ञाधिक समय की जरूरत हैः । हमने यह समभऋ रकक्‍्खा है: कि यदद शक्ति दमते सिन्न है परन्तु यदि (१४ )




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