हास्य का इन्द्रधनुष | Hasya Ka Indradhanush

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Hasya Ka Indradhanush by डॉ. रामप्रसाद मिश्र - Dr. Ramprasad Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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करो तस्करी की निदा पर प्राप्त तस्करों से धन खूब फिल्‍मी टैक्सचोर तत्त्वों से झ्िटकों माल इन्हीं में डूब । कोई भी आपदा लाभप्रद रहे--सदा यह रखना ध्यान सूखा, बाढ़, विनाश को सदा कामधेनु का टो सम्मान । वायुयान से करो निरीक्षण आऔ सहायता का ऐलान सिहभाग लो स्वयं, श्वगालों-श्वानों को दो उनका दान] प्रति ठेका, परथमिट, कोटा पर भूलो मत अपना अधिकार पहले राशि विदेश बैंक में जमा करे शोषक-परिवार। हैं चुनाव का युद्ध घचिकटतम, पैसा जीते सारे दांव पैसा ही है आत्मा, पैसा जीवन, वही हाथ औ पांव। सदा उच्च सिद्धांत का थैना हो हथियार जनता को जीतों सदा, इसकी प्यारी मार। “कर्म-वचन-मन-शिन्नता” का हो प्रतिपल ध्यान और “धर्मनिरपेक्षता” खड्ग, “न्याय” की म्यान। जनता को जीतो सदा रखकर अपना ध्यान धास खिलाकर रासभों को पाओ सम्मान | हास्य का इन्द्रघनुष 11 17 की...




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