पतिता | Patita
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
143
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दा
चर
र लगता है ?”
*जी नहीं 1”
*'घहू जगह पस्द नहीं *”
“जगह के बया कहने हैं ' ”
“पे पसन्द नहीं 2
“सरकार बया फर्माते है 1 ” मैं इरमा गई ।
एक आदमी शराब, प्यालिया, और कुछ खाने की चीजे चने
प्रथा । महाराज ने प्याला मरकर कहा, शिस होरा, परदे तो नहीं
परतीं ? करोगो, तो भी पीना तो पड़ेगा
“हुजूर, मैं नहीं पीतो 1
“मगर मेरा हुवम है ।”
*ीं मुआफी चाहती हु ।”
कया हुवमउदूली वरसी हो ?”
'फोरो इतनी सजाल 1
* बेवचूफ औरत, पी 1 क्षघ-भर मे उत की आयें लाल हो गई
और हंयीरियां दढ गई ।
हें नपी सफूगी !
सूदी से लाबुक उठाकर उन निर्देयी ने सवाल उदडाना शुरू कर
दिया । मेरे विह्लाने से कमरा गूज उठा । में तडपकर बरती में सोटने
सगी । पर यहा बचानेवाला फीन था हे
बे चाबुक फेंककर बैठ गए । मैं ज्योडी उठी, उन्होंने प्याला
भरकर कहा, पिओ 1”
में गटंगट पी गई 1
गेरे हाथ थे प्याला लेफर उन्होंने मेरे पास आकर कहा, “होरा,
मरी दोस्त ! आइन्दां बसी हुश्स उदूलों करे डिस्मत से दरना ९ अरे,
गया तुम्हारी साडी भी सराद हो गई!” दुदना रद उन्होंने घण्टी
बाई 1 एफ लडहा आ हायर हुआ 1 उसे डर दिया, “साथी,
डपोड्ियो से एक उम्दा सादी ले जाओ 1”
साड़ी भाई । उसकी कीमत दो हडार से दम न होगी । बसी
साशी मैंने कभी न देसी यी । मैं अवाकू रद गई । ऐसा देय झाइनो
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