सेवाधर्म : सेवामार्ग | Seva Dharm - Seva Marg
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
294
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सेवकों की शिक्षा २३
समाज-सेवा के कार्य के ऊपर जो नमूने दिये गये हैं, उनसे
पाठक यह भी समभ गये होंगे कि इस कार्य से समाज-सेवक
अपनी जीविका का प्रश्न भी दल कर सकते हैं। जिस प्रकार
लोग जेल-विभाग बगैर: में मह्दीचों और वर्षों मुक्त एप्रैन्टिसी
करते रहते हैं, उस प्रकार यदि ससाज-सेवा के काये की व्यावद्दा-
रिक शिक्षा लेने के लिए छुछ समय दें, तो '्वपनी ात्सिक उन्नति
के साथ-साथ आजीवन समाज-सेवा करते रददने के लिये जीविका
का प्रवन्ध भी कर सकते हैं और इस प्रकार अपना इददलोक
व्मौर परलोक सम्दाल सकते हैं। प्रत्येक संस्था को योग्य प्रचारकों
की, भजनीकों की, संगठन करत्ताओं और संचालकों की, क्लर्कों
और सन्तियों की '्ावश्यकता है । नेक लोक-सेवी कार्यकर्ता
इन बातों की दक्षता प्राप्त कर के '्याजीवन पना तथा छापने
परिवार का भरण-पोषण करते हुए समाज-सेवा का पवित्र काये
कर सकते हैं |
यद्यपि पाश्चात्य देशों में भी सेवकों की शिक्षा का काम पहले
गैर-सरकारी व्यक्तियों और संस्था्यों ने दी शुरू किया; परन्तु
इड्लेए्ड के विश्वविद्यालयों ने उसे शीघ्र ही छापना लिया ।
वास्तव में नये दन्न से सेवा-कार्य के सब्वालन 'और सन्ञठन में
वहाँ के विश्वविद्यालयों ने प्रमुख भाग लिया और इस सम्बन्ध
में जितने सुख्य छान्दोलन वहाँ हुए, वे अधिकतर विश्वविद्यालय
की तथा उदारमना स्त्री-पुरुषों की ओर से दो
उठाये गये ।
गैर-सरकारी व्यक्तियों में सब से पहले साउथवके की बोमेन्स
यूनीवर्सिटी सेटिलमेस्ट ने सेचको की शिक्षा का कार्य शुरू किया।
इस सेटिलमेर्ट की स्थापना आक्सफोड तथा कैस्त्रिज के वोमेन्स
कालेजों (स्त्रियों के कालेजों ) ने की थी। पीछे से लन्दन
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