मशाल | Mashaal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
240
श्रेणी :
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No Information available about भैरव प्रसाद गुप्त - bhairav prasad gupt
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मशालें
गुस्सा, उनकी झुमकलाहट कभी ख़त्म होने को नहीं आती । श्राज़िर
उनके पास यह जानने का तरीका ही क्या है, कि जो लड़का पेशाब
करने या पानी पीने की छुट्टी माँगता है, उसे सचमुच पेशाब लगी है या
नहीं, प्यास लगी है या नहीं ? कमी-क्भी बेहद परेशान हो कर मास्टर
जतब्र लड़का पेशाब करने की छुट्टी मांगने आता है, तो उसे फटकार
सुनाता कहता है, “चलो, बैठ कर पढ़ो 1 पेशाब, पेशाब, दिनभर
पेशाब 1” लड़का मुँह लटका कर अपनी जगह पर आरा बैठता है ।
मास्टर को कुर्सी पर बैठे-बैठे एक भपकी आरा जाती है । थोड़ी देर में
दर्जे में एक शोर उठता है'। बौखला कर मास्टर उठता है, और पूछता
है कि क्या बात है, तो. मालूम होता है, कि उस लड़के ने भगई में
पेशाब कर दी । यह सुनकर मास्टर की समझ में नहीं आता कि वह कया
करे, लड़के को क्या करे, अपने को क्या करे, अपनी परेशानी को क्या
करे ? यह विज्ञान की उन्नति का युग है । हज़ारों अद्सुत झाविष्क्रार
होरहे हैं । कोई वैज्ञानिक इन मास्टरों पर दया कर एक ऐसे किसी यन्त्र
का श्राविष्कार कर देता, जिससे मालूम हो जाता कि लड़के को पेशाब
लगी है या नहीं, प्यास लगी है या नहीं, तो इन मास्टरों की एक बुत
बढ़ी परेशानी की समस्या जरूर कुछ हल हो जाती |
नरेन ने भी एक बार ऐसा ही किया था । और उसके बाद, पता
नहीं क्यों. मास्टर उसे छुट्टी देने से कभी इन्कार नहीं करता | कुएँ पर
पानी पीने जाने वाले कुरडों में अक्सर नरेन भी शामिल रहता । उसे
बार-बार छुट्टी देते-देते मास्टर बौखला उठता, पर, जाने क्यों, दाँत पीस
कर ही रद्द जाता, उससे इनकार करते न बनता । कदाचित उसे डर
हो गया था कि पेशात्र करने की छुट्टी एक बार न दी, तो भगई में पेशाब
कर दी, श्रगर पानी पीने की छुट्टी न दी गयी, तो कहीं उसे गश न आरा
जाय | शरीर नरेन-जेसा शरारती लड़का इस मौके से फायदा न उठाये,
यह केसे सम्भव था ?
[. १७.
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