दिवाकर दिव्य ज्योति [भाग तीन] | Divakar Divya Jyoti [Part 3]
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
304
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ह पालॉमलकादों (बधानाकादालं सनालाहयमाकं कत्ल
हू लाना वलिनविललाला नरक
1
युगंत्रये. पूवमतीतपूर्चे,
कातास्तु जाता खलु धर्ममल्ला ।
अयं॑ चतुर्थों भवताशतुर्थ, '
घात्रेति सुष्टो5रिते चतुथमन्न! ॥
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