अभिमन्यु -बध | Abhmanyu Badh
श्रेणी : पत्रकारिता / Journalism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
93
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अभिमन्यु-बध
[ ছু].
दीज जाय उत्तर हमारो दुरजोधन कौ,
पथ परिसोधन को हमको दिखेहे को ?
“सरस' बखाने , यो प्रमाने धमेराज धीर ,
बीर बिजयी जो , तिन्है ˆ दारिबो सिखेहै को ??
चक्रधर जोगीस्वर चक्र-मेद-दच्छ् जाक“ ,
पच्छ मादि, ताको क कुचक्र बिलखैहै को १
जोलों ज-बिजै के इस कीन्हे छत्र-छाया सीस ,
तौलों जय-पत्र कहो हम सौ लिखैहे को ९९
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एहो दूत ! पाण्डु-पूत बीर बिग्रही हे पंच ,
কন হী কী” ब्रिग्रही प्रपंच-सत हरि है ।
जौलो धमं-धूम तोलों मसक करें गे कहा ?
नर-हरि-ओर कहा ससक निहरि है ९९
सक्र-मदहारी चक्रधारी जौ हमारी अर ,
हं कं रखवारे चक्रधारे नित्त हरि है ।
ऐसी तो कुचक्र रच्यौ एकं चक्रव्यूह कहा ,
कोटि चक्रव्यृह सो न पांड-पूत हरि है ॥
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