तैत्तिरीयोपनिषद सटीक | Taittiriiyopanishhaduu Satiik
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
145
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तेनिरीशोपनिषदू । प्
ब्याख्याता वेद संघीयते प्रजया पशुमिश्रेष्प्रवचेसेना-
झावयन स्वगेण लोकेन सन्धिराचाय्यः पूवरूपमित्यथि-
प्रज लोकेन ॥ दे ॥।
इति तृतीयपोडनुवाक: ॥ है ॥
पदच्छेद: ।
सह, नौ, यश: , सह, नौ, अ्रह्मवचसम्, अथ, अतः , संहिताया: , उप-
निषदम, व्याख्यास्यामः, पश्चस॒ श्रधघिकरणेषु, शधिलोकम् , अधिज्यो-
तिषम् , श्रधिविद्यम् , अधिप्रजस्, अध्यात्मम् , ता, महासंहिता: , इति,
आचक्षते, अथ, ्धिलोकम्, प्रथिवी, पृवेरूपम्, यौः, उत्तररूपम,
आकाश: , सन्धि:, वायुः, सन्घानम्, इति, अधिलोकम् , अथ, शधि-
ज्योतिषम्, अग्नि: , पूर्वरूपम्, आदित्य: , उत्तररूपम्, श्राप: सन्धि:,
वैद्युत:, सन्धानम्, इति, अधिज्योतिषम्, अंथ, अधिविद्यम् , श्राचार्य्ये: ,
पृवेरूपम्, अन्तेवासी, उत्तररूपम्, विद्यासान्घि! , प्रवचचनम्, सन्घानम्,
इति, अधिविद्यमू , झथ, अधिप्रजम् , माता, पू्रूपम्, पिता, उत्तर-
रूपन्, प्रजा, सन्धि:, प्रजननम्., सन्घानम् ;, दृति, अधिप्रजम्, छथ,
अध्यात्ममू, अधरा, हनुः; पुवरूपम् , उत्तरा, हनुः, उत्तररूपम् ; वाकस-
न्घि:, जिद्ा, सन्घानम् , इंति, ध्यात्मम्ू , इति, इमाः, महासंहिताः ,
य:, एवम् , एता:, महासंहिता:, व्याख्याताः , वेद, सन्धीयते, प्रजया,
पशामिं: , अ्ह्मवर्चसेन, अननाधिन, स्वर्गण, लोकेन, सन्धिः; श्ञाचाय:,
पृवरूपम् , इति, अधिप्रजम् . लोकेन ॥।
अझन्वयः पदाथ-सदित । इ.न्वयः चदाथे-सहदिस
सूकष्म भावा थे । .. सूक्ष्म मावाथे ।
्ि नोन्इम दोनो अथात् अस्तुनद्दोवे ः
गुरु-शिष्य को नोन्इम दोनों को
सखहन्साथ ही सहन्साथददी
यशम्त्यश श्रह्मव चेसम->त्रद्य-तेज
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