मुलतान दिगम्बर जैन समाज इतिहास के आलोक में | Multan Digamber Jain Samaj Itihas Ke Alok Me
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.56 MB
कुल पष्ठ :
260
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about कस्तूरचंद कासलीवाल - Kasturchand Kasleeval
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इसे पुस्तक प्रकाशन की योजना के प्रणेता मुढतान दि० जैन समाज के प्राणी श्री गमानीचन्द जी दिल्ली वाले विशेष धन्यवाद के पात्र है जिन्होंने न केवल मु प्रारम्भ मे प्रेरित किया अपितु उनका सहयोग रुदेव प्राप्त होता रहा । इसी भांति श्री तोलाराम जी गोछेछा श्री मनमोहन जी सिंगवी श्री रोशनलाल जी गोलेछा आदि का सराहनीय सहयोग प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जा सकता । जयपुर मे श्रद्धय श्री न्यामतराम जी जिस स्फूति एवं रूगन से सभी योजनाओ को हमेशा क्रियान्वित कराने मे अग्रणी रहकर प्रेरणाप्रद पथ-प्रदर्शक रहे यह सर्वे विदित है उनको समाज कभी भुला नहीं सकता । श्री बाबूलाल जी सेठी अध्यापक श्री महावीर विद्यालय प्रेस कापी बनवाने एव श्रीमार्न सुरेन्द्रकुमार जी जैन वाचनालयाध्यक्ष श्री दि० जैन महावीर उच्चतर मा० विद्यालय जयपुर ने प्रकाशन में जो अपूर्व॑ सहयोग दिया वे बहुत-बहुत धन्यवाद के पात्र हैं । जयपुर में इस पुस्तक के प्रकाशनाथं अर्थ सग्रह कराने मे श्री शम्भुकुमार जी श्री जवाहरलाल जी श्री शीतलकुमार जी आदि ने जो सहयोग दिया उन सभी को में घन्यवाद देता हू तथा श्री रामकलप जी पाण्डेय का पुस्तक प्रकाशन मे जो सहयोग रहा वह भी सराहनीय है । अन्त मे मे समस्त मुछतान दि० जैन समाज दिल्ली जयपुर को जिन्होंने धनराशि परिवार परिचय विवरण तथा अन्य सामग्री उपलब्ध कराकर पुस्तक प्रकाशन में सहयोग दिया हार्दिक धन्यवाद देता हु । क्षमा प्रार्थी । दि पा थ८# जयकुमार जन मंत्री-मुछतान दि० जैन समाज
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