प्रज्ञा | Pragya

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Pragya by कृष्णचंद्र - Krishnachandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प कर्तव्य - भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा किं वह - संविधान का पालन को और उसके आदरशों, संस्थाओ , राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आद्र करे, स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदशों को हृदय में सजोए रखे और उनका पालन करे, भारत कौ सप्रभुता, एकता ओर अखंडता की रक्षा करे ओर उसे अक्षुण्ण बनाए रखे, (कि) (ख) (ग) (ध) (छ) (च) (छ) (ज) (भ्न) (म्‌) देश की रक्षा करे और आहवान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे, मारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व कौ भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो, ऐसी प्रथाओ का त्याग करे जो महिलाओं क सम्मान के विरुद्ध हो, हमारी सामासिक संस्कृति की गौरचशाली परपरा का महत्त्व समझे और उसका परिरक्षण करे, प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे ओर उसका सवरधन करे तथा प्राणिमात्र कं प्रति दयाभाव रखे, वैतानिक दृष्टिकोण, मानववाद ओर ज्ञानार्जन तथा सुधार कौ भावना का विकास करे. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे, और व्यक्तिगत और सामृहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रो में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सत्त प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई उंचाइयों को छू सके।




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