प्रायश्चित्त - संग्रह | Prayashchitt Sangrah

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Prayashchitt Sangrah   by पन्नालाल सोनी -Pannalal Soni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ब्युत्सभ: ०७ तपोऽभिकार म भासिकचातुमोसिके ,,, षाण्मासिकं फ छेदाधिकार के मूलाधिकार क परिदराधिकार ,,, स्वगणानुपस्थानं .. परगणानुपस्थान पारंचिक कि श्रद्धानाधिकार सबतिक्रा-प्रायधित्त त्रिविषश्रावक-प्रायञ्ित्त ४१ 2 ३-५१




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