क्रिया - कलाप | Kriya - Kalap

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Kriya - Kalap by पन्नालाल सोनी -Pannalal Soni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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च्छियाकलापस्था विषय-~सचीं १---चन्दनादयष्यायः प्रथमः श--देववन्दना सामायिकं वा (कतिकमे देववन्द्नाप्रयोगविधिः देववन्वनाभयोगालुपूर्वी) २--आचायेवन्दनाबविधिः ३--स्वाध्यायविधि:ः ४---अन्यनित्यकरुणीयोपदेशनस २--प्रविक्रमणाध्यायो हितीयः २--यतिदैवसिकरात्रिग्रतिक्रमरां २--नयतिपाक्षिकादिपितिकसरा ३--आवकमप्रतिक्रमरां ३--भक्त्यध्यायस्ततीयः १--सामायिकर्दंडकः सटीकः --चतुर्व्विशाविस्तवः सटीक ३--ईर्यांपथविशुद्धि: सटीका (१) ४--संस्कतसिद्धइहड्डशक्तिः सटीका --पाङूतसिद्धखदूद क्तिः > ६--संस्कतच्दच्छ्ुतभक्त्तिः ¬” ७ऊ---प्राकृतइददच्छुतभक्तति: 399 =--संस्छतचदश्वारित्रभक््विः 2 ६--भाकुतहुदष्यारिश्रसक्तिः: >» (१) (१) (२ (१) (ॐ ইল ইহ श ७७---१२४७ ২9৩ श्रथ १९४२-२ ०७ श्छ १४. १४६. १३९य्‌ १६० १६८ কুলি १८४६ १३.5




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