धन्वन्तरि वनौषधि भाग 5 | Dhanvantri Vanoshdhi Part - 5

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Dhanvantri Vanoshdhi Part - 5  by वैधाचार्य उदयलाल महात्मा - Vaedhachaarya Udaylal Mahatma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एलीपर्थिक' जगत मैं आयुर्वेद की धूम मंचाने वाले नेश्वित गुणकारी मातणड,. आयुर्वेदिक इंजेक्श आइये ! जरा इनके फासूं लों का सुक्ष्म निरीक्षण करे लोक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-दूटियों के क्रियाशील तत्वों के साथ साथ इनमें अत्याधनिक एलोप॑ं थिंक दवाओं को साचा न्रिटिग फार्मोकोपिया (४ 7.) और इण्डियन फार्मोकोपिया (7. 2? ) के निर्देशानुसार सिर्लार्ड गई हें । इसलिए ये स्थाई लाथप्रद और तत्काल प्रभावकारी होते है । २१ वर्षों से हजारो चिकित्सकों द्वारा लासो रोगियों पर परीक्षित और प्रजसित्त ये परम विश्वस्त इंजेक्शन सरकारों लाइसेंस के अन्तर्गत फामस्पुटिकल्स इन्जीनियरों और कमिस्टो की देख रेस में, लाखो रुपयो की लागत से बनी एयररकण्डिशन्ड लवोरेट्री में बनाये जले हैं । एलीपेथिक इ्जेक्शनों से थे अधिक गुणकारी होते हैं । इजेबजन | योग एलाफृत511075) प्रत्येक एम्पुल में मिश्रित सिगज् रोग निदेश , 5 मृम्पूस _कानाम | पवाबोकी मोना (फितस्या'०0ण) | तास दामों की माया (ते 21015) । वबत से ७ फलयमम्सस्थमथपण क्तीवातक | यूहिमठीन हाड़ोवलोराइ८ आई पी 05 08 स्ट्रीवनी उससे तर सवार मी; बक, कि पे विश्वस्व नपुन्सकता नाथक हे चर हर कुर्चोनसू | उ्मेटीन हारड्रोवलोराय 30 ०. स्ट्रीबनीन हाउट्रोकलो- | पेचिय, सूनी गेचिय, अतिसार |. ६०९ १ उठ 1 ए४. जर्कमुलत्वक 1 गा , कपूर 0 3 पड (दस्तो) मे आाशुगुणकारी दू-५० गिरपार | एट्रॉपिन सल्फेट आई पी. 0.81 ण् गिरिव्ुटी 3 68 | सब प्रकार के वातिक चूलो मे | ५9६ १ 708 , प।रसीकयवानी 2 81 पा चमत्कारी ! गा ्‌ रन ० तौपीफर | स्ट्रीक्नीन हाइड्रोवलोंराइट आई पी 1. फ्ट्ठ कटकारी | नजला, इन्पलूएज्जा, खासी से | ६५८ ९ हर 2 फ्राठ चसाका 2 8 तुलसी 2 पा रवसन भर हृदय उत्तेजक है हद नि्दोरिन | क्लोर प्रोमाजीन वी. पी 25 पट , सर्पंगन्धा 4.5 प्पष्र., | मानसिक उत्तेजना, सनोविश्म, | -६ ८ १ ब्रह्मी 1 ण् ज़टामासी 2 एड ' प्रलाप, उन्माद में २-४० प्रदारारी | कुलशियम ग्लुकोनेट आई पी. 50 08 प्रवाल 50 फ़ा्ठ | गर्भाशयणोथ, रक्त प्रदर, दवेत |. ६ 9८ क दमूल 2 णा्ट , भशोक 2 108 प्रदर नाक्ञषक दिव्य दवा ३-३० रासोन | सोडियम सेलोसीलेट माई पी. 120 फ्रा्ठ ; लहसुन 260 | गठिया, सघि गोय, साधिशूल दा शा ; रास्ता 5 84 एए8 ; कुचला 1 30 गा और आमब्रात नाशक है । ई-न5द सोसा. | एड्रेनलीन हाइड्रोक्लोराइड आई पी. 05 फ्र , भारगी | दमा, दवास के दौरे को तत्काल | ६६ ् 1 फट , बसाका 1 प्रा , कटकारी 1 पा रमन करता है । ३-३० स्पृतिदा | हायोसिन हाइट्रोब्नोमाउड आई पी 04. शा, सर्पेगन्धा | हिस्टी रिया, वच्चों के कमेटे न 1 पा , बच 1 फ , नखपुष्पी 1 का ब्रह्मों 1 फट . | (आक्षेप), सूगी, प्रलाप में हक दा लान्तक | 'एट्रॉपिन संदफेट आई पी. 65 पा , * रासोन , 2 ०४ , | उदरशूल, नाडीशूल, हृदयणूल, जद्क हिंगु 1 पट , स्व्रण वल्ली 1 एा्ट समस्त वात्कि शूलों में हनन हुदबायृत | स्ट्रीक्तीन हाइड्रोकलोराइड भाई. पी 1 सह निकोथामा- | सर्वाज़ू् त्य, हुृदयस्तव्धता में सा इठ वी पी 250 एा्टठ , अजुंन 1 हाट अद्वितीय हुदयोत्तोजक । दी न हिरण्य | एट्रेनलिन हाइड्रोक्लोराइट आई पी 05 शाप. इफेट्रित | दम्मे के दौरे को तत्काल घमन का दाइड्रोवलोराइड आई पी. 10 ए्ठ , भारज़ी 1 फट , | करतों हे। कस +. | चमावल 1 गा कुएण चुलसी 1 गण हे तलललमदटनसनावविननममतसमससमनट कर अपनी औरषधिनपें टिका मे इन आधगणवकारी उज्जणनों को स्देव रखिये |




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