जड़मूलसे क्रान्ति | Jadmoolse Kranti
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
173
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about किशोरलाल घनश्यामलाल मारारुषाला - Kishorlal Ghanshyamlal Mararushala
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घार्मिक फ्रान्तिका सवा ७
या मशिनसे शादी कके मभीका धन्धा करने लो; तव जिसे ' जूता कहाँ
कायता है” जिस बातका जो अनुम्ब दोगा, चह इमे नदीं दहो सकता ।
हमारी सारी कौशि अपने दिन्दुत्व; त्राहाणसे वराको सुःश्वित्त रखकर
दूसरकि साथ मेछ बैठानेकी दोती है । शुनके गैरहिन्दू और भेखाक्षण
होनेकी भावना इमरि दिमारसे दूर नहीं हो सकती )
ओक दिन नागपुर जेप मेरे अकं साथी श्री बरावाजी सोघे पिछड़ी
हुआ जातिर्योकी सेवा और शुनके सुद्धा वरिम 'ुद्चसे चचा कर रहे थे ।
चचकि दौरानमे झुनके मुँहसे मराठीमें नीचे लिखे आदययका वाक्य निकल
पड़ा: “ कभी वार सुझे भैसा लगता है कि जिन लोगेकि वहम आर
अश्रद्धा दूर कलेके रिम भिन्द मुसलमान हो जानेक़ी सलाद देनी
चाहिये ! ” श्री बावाजीके हसे यह विचार निकलना बहुत सोचने जेसी
बात है । जिसका मतलब यह हुआ कि खनको यदह विद्वासं टो शया
है कि दिन्दू-चर्म्के बजाय निस्म्प वहम ओर अन्धश्रद्धाओंकों दृदानेकी
शवित ज्यादा है । ओर यदद बात बहुत इृद तक सच भी है । लेकिन यह भी
समस्याकां सन्वा ईर नदीं हे 1 क्योकि सिस्छाम मी भ्रमो -- वहर्मो-
उन्धश्रद्धाओं और संकुचिततासे परे नहीं है और न आजी मानवी
समस्यार्ओंकों दल करनेमें समर्थ है । साथ दी पूरे छुरानको जेसेका तैसा
स्वीकार नहीं किया जा सकता । अगर हम खुद सिस्छाम स्वीकार करलेके
लिखे तैयार नहीं हैं; तो किसी दूसरेको यदद सलाह कैसे दै सकते दै श
ओर जिस्लामन सरलता ओर सीधी शि होते हओ भी वहुतसी असी वाति
है, भि हमारी विवेवशद्धि स्वीकार नदीं कर सकती । यदी हाक ओसाजी
वैरा धमौका दै}
हम, दन्द रोण, जिन्दणीमर अक अजीब किस्मकी बीद्धिक कसरत
कलेके आदी हो शयेर) अक तरफते हमारी फिलॉसफी उेठ अद्रैत
वेदांतफी है । विस रम बुद्धिको रखकर जव हम विचार करते हैं, तो
. इनिया झूठी, देव झुठे; गुरुणिष्य झुठे, विधि-निषेघ झुठे, पाप पुण्य दे,
नीति-मनीति, दिंसा-अई्दिसा, सत्य-दयुठ सबको झूठे झुठे कद डालते हैं । और
जिससे निकेख्कर जव दूसरी रपर चलते दै, तो शोजदेवता, श्रामदेवता,
गुरुदेवता, पितृपूना, ग्रदषूना, अवतारमक्ति, अलग /अलग स्योहारोकी
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