श्री भगवती सूत्र पर व्याख्यान | Shri Bhagavati Sutr Par Vyakhyan

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Shri Bhagavati Sutr Par Vyakhyan  by पं. शोभाचंद्र जी भारिल्ल - Pt. Shobha Chandra JI Bharilla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(६) आदि की आय उत्पन करने के छिये ४. पांच मेम्वसान का एक टूस्ट बोडे टूस्ट एक्ट श्तुसार कायस किया जाय, जिसके मेम्ब्रराल का चूनाव अधिवेशन के लसयं हो ज़ाबेगा, इस बोड का मेस्वर नही हो सकेगा नो संडलका प्रथम या हितीव श्रेखि का ससासद होगा, आकि प्रेसिडेण्ट का कर्तव्य होगा कि वे सेम्बरान टूस्द नोड की राय से कार्य कर, यदि कोई दृष्ठ बोडं के मेम्बरान की दारी हो लवे तो सौजदा ट््ट्यो की कसरत राय से काये जावे और अधिवेशन के समय उसद्दी पूर्ति कर ली लावे | [ टूस्टीयों में थी कोई टूस्टी पत्र का जबाव ही नहींदे तो जो झावे उन में बहूसति से कार्य किया जावें | ~ न 8 (ख) मेड श्राकिस दृष्ट बोडकी सलाह श्रनुसार की संडलकी रकम का सूद भादि उत्पन्न करे और जहां कहीं नेको में सिर्लों सें या साहुकारी हुंडीयों में रकम दी जाने वह संडल शक्ति के प्रेसिदेन्ट के नाम से जमा कराई जाते ! (गण) मेडलकी रकम वियान पर देने के बनाय टूस्टी लोग उचित समझे तो कोई जायदाद खरीद कर या सार्िल करके भी रकम उसमें देसकेंगे अथवा दुसरी कोई वरस्तु भौ खरीद मार्गेन वरर सकेगे परन्तु एेसा तमी कर स्ेगे जव सभी टूस्टीयों छी एव रायहो } एकत राय न होने चो श्रचस्था म मेडल सि्सीग के निरयक्ते अन्तिम माना सवेना!




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