मानक हिंदी कोश | Manak Hindi Khosh Part2

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Manak Hindi Khosh Part2 by रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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खैंडंबडाहंट होना कि वे दृढ़ शान्त या स्थिर न रह सके। विचलित होना। ४ पदार्थों का क्रम-रहित या तितर-बितर होना। स० १ खडबड दाब्द उत्पन्न करना। २ व्यक्ति या व्यक्तियों को ऐसी स्थिति मेक्वरना कि वे दृढ शान्त या स्थिर न रह सके। विचलित करना। ३ चीजे अस्त-व्यस्त या तितर-बितर करना । खडबडाहट--स्तरी०१ हि०. खडबडाना खडबड करने या होने की अवस्था या भाव। खडबडी--स्त्री० हि० खडबडाना १ खडबड करने या होने की अवस्था या भाव। खडबडाहट। २. अस्त-व्यस्तता। व्यत्तिक्रम। ३ दे० खलबली । ७ ख़डबिडा--वि०-नखडबीहुड। खडबीहड--वि० हिं० खड्ड+-बीहड १ प्रदेश या प्रान्त जो समतल न हो। ऊंँचा-नीचा। ऊबड-खाबड। २ बेढगा। ३ बविकट। खडमडल---वि० स० खड-मडल 1 श् अव्यवस्थित रूप से उलदा- पलटा हुआ। अस्त-व्यस्त। तितर-बितर। २ वर्ग या समाज जो क्रमबद्ध या व्यवस्थित न रह गया हो। खडसान--पु०--खरसान। खडा--वि० स० स्थातु ब्रज० ठाढा ठडा स्त्री० खडी १ जो धरातल से सीधा ऊपर की ओर उठा हुआ हो। ऊँचाई के बल मे ऊपर की ओर गया हुआ। जैसे--खडी फसल। खड़ा मकान। २. जीव या पशु- पक्षी जो अपने पैरो के सहारे शरीर सीधा करके ऊपर उठा हो। जो झुका बैठा या लेटा न हो। जैसे--नौकर सामने खडा था। पद--खड़े खडेनइतनी जल्दी की बैठने तक का अवकाश न हो। जेसे--वे आये और खड़े-खड़े अपना काम निकालकर चल दिये। खडी सवारी--किसी के अने-जाने के सबध मे आदर या व्यग्य के लिए चटपट तुरन्त। जैसे-सखडी सवारी आई और चली गई। ३ कोई काम करने के लिए उद्यत तत्पर था कटिबद्ध। जैसे--आप खडे हो जायें तो. विवाह के सब काम सहज मे निपट जायँगे। ४ निर्वाचन मे चुने जाने के लिए उम्मेदवार के रूप मे प्रस्तुत होनेवाला । जैसे--इस क्षेत्र से दस उम्मेदवार खडे है। ५ जो चलते-चलते कही पहुँचकर ठहर या रुक गया हो। जैसे--मोटर या गाडी खडी कर दो। ६ एक स्थान पर जमा या रुका रहनेब्राला। जैसे--खडा पानी। ७. अन्न या दाना जो गला दूटा या प्रिंसा न हो। पूरा। समूचा। जेसे- खडे चावल। ८ ठीक पूरा या भरपूर। जैसे--खडा जवाब देखे । ९ जो नये रूप मे बनकर या यो ही घटनाक्रम अथवा सयोग से उपस्थित या प्राप्त हुआ हो। जैसे-- क झगडा या प्रइन खडा करना। ख कोई चीज बेचकर रुपए खड़े करना। १० जो किसी प्रकार तैयार करके काम में आने के योग्य बनाया गया हो। जैसे--खेंमा खडा करना। ११ ढाँचा प्रस्तुत करना। बनाना। जैसे--चित्र खडा करना योजना खड़ी करना। १२ बिना बीच मे विश्वाम किये तत्काल या तुरत पूरा किया जाने- वाला। जैसे--खडा हुकुम । पद--खडे घाट- कपडो की धुलाई के सबध में धोबी से कराई जानेवाली ऐसी धुछाई जो तुरत या एकाध दिन के अन्दर ही करा ली - जाय। खड़े पॉवन्नबिना बीच में रुके या बेठे। जैसे-- क विदेश २ ख्रडी ससकली लए से आकर खडे पाँव स्थानीय देवता के द्दन करने जाना। ख कही जाना और खड़े पॉव लौट आना। खडाऊँ--स्त्री स० काष्ठपादुका पा०. कट्०पादुका प्रा० खडामुओ खडाउआ उ० खराउ ब० खरम का० खराव कन्न० कडाव सरा० खडावा काठ की बनी हुई एक प्रकार की प्रसिद्ध पादुका जिसमे आगे की ओर पैर का अगूठा और उंगली फँसाने के लिए खूँदी लगी रहती है। खडाका--पु० अनु० | खडखड दाब्द। खटका। क्रि० वि० चटपट। तुरन्त । खड़ा जवाब--पु० हि० खडा+-जवाब कोई ऐसी बात जिसमे स्पष्ट राब्दो मे क किसी को करारा उत्तर दिया गया हो। अथवा ख उसके अनुरोध की रक्षा न कर सकने की अपनी असमथंता बतलाई गई हो। रा खडा दसरग--पु० देश ० कुश्ती का एक पेच जिसे हुनुमत बध भी कहते है खडानन ---पु०न्ल्षडानन । थ खडा पठान--पु० देश ० जहाज के पिछले भाग का मस्तूल। लदष० खडिका--स्त्री० स० खड+-डीष+क्रनू--टापू इत्व खड़िया मिट्टी। खडिया--स्त्री० स० खटिका १ एक प्रकार की चिकनी मुलायम और सफेद मिट्टी। २ उक्त मिट्टी की बनाई हुई डली या बर्ती जिससे तख्ती आदि पर लिखा जाता है। पद--खडिया मे कोयला--अच्छे के साथ बुरे की मिलावट | स्त्री स० काड या हि० खड़ा अरहर के पेड से फलियाँ और पत्तियाँ पीटकर झाड लेने के बाद बचा हुआ डठल। रहठा। खाडी। खडी--स्त्री० हि० खड्या खडिया मिट्टी । स्त्री० हिं० खडा छोटा पहाड। पहाडी। स्त्री०नन्बारह-खडी । वि० हि० खडा का स्त्रीलिंग रूप दे० खड़ा । खडी चढाई--स्त्री हिं० खडी-+-चढाई वह भूमि जो थोड़ी ढालुआ होने पर भी बहुत-कुछ सीधी ऊपर की ओर गई हो। खड़ी डकी --स्त्री० देश ० मालखभ की एक कसरत । खड़ी तेराकी--स्त्री० हि० खडी तैराकी जल मे सीधे खड़े होकर पैरो के द्वारा तैरने की क्रिया या भाव । खडी पाई--स्त्री हि० १ खडे बल मे सीधी छोटी रेखा । २ इस प्रकार 1 खीची जानेवाली वह रेखा जो लिखते समय किसी वाक्य के समाप्त होने पर लगाई जाती हैं। पूर्ण विराम । खड़ी फसल--स्त्री० हि० खेत की वह उपज या पंदावार जो तयार तो हो गई हो परन्तु अभी काटी न गई हो। स्टडिग क्राप खडी बोली--स्त्री० हि० खडी+-बोली १ मेरठ बिजनौर मुजफ्फर- नगर सहारनपुर अम्बाला पटियाला के पूर्वी भागों तथा रामपुर मुरादाबाद आदि प्रदेशों के आसपास की बोली। २. उबत बोली को परिष्कृत सास्कृतिक तथा साहित्यिक रूप जिसे आजकल हिंदी कहा जाता है। २ नागरी+अक्षरो मे लिखी हुई उक्त भाषा । खड़ी ससकली-- स्त्री० हि० खडा+अ० मसकलान्नरेती | सिकढी करनेवालो का एक औजार जिससे बरतनो आदि को खुरचकर जिला करते हैं।




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