नयी कविता | Nayi Kavita

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Nayi Kavita by विश्वम्भर मानव - Vishwambhar Manav

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about विश्वम्भर मानव - Vishwambhar Manav

Add Infomation AboutVishwambhar Manav

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
नयी दिशा १५. व्यक्तित्व के प्रति सम्मान जगा है तो वद्द भू दान यश के प्रणेता श्राचायं विनोवा भावे के प्रति} पर उनके प्रति भी भरद्वा अभी पिते युगो के कविरयो जैसे मेधिलीशरण गुप्त, सियारामशरण गु एवं वालङ्प्ण शर्मा नवीन श्रादि द्वारा दी ग्रधि व्यक्त हुई है । हालावाद की ध्वनि श्रव शांत हो गई है । उस मादक्ता के पीछे विदेशी प्रभाव था जिसे टिन्दी चाले दधिक नदी पचा सके । उसका श्नुकरण भी इसी से कटी नहीं हुश्ना, य्दीं तक कि उसके प्रस्तावक घच्चन ने भी श्रव उसने श्रपना पीछा छुड़ा लिया टै । नई कविताको श्राज य्न्य दो विदेशी मनौपियो ने प्रभावित कर रगगा हे--सरदले हैं मास्से जिनके नाम पर प्रगनिव्राद का द्ान्टोलन प्रारम्भ टुय्रा शरीर दुसरे हैं फ्रायड जिन्होंने बहुत आशा तक प्रयोगवाद को घ्ञाच्छादित कर रखा है | नयी कविता नयी परिस्थितियों को उपज है । देश की राजनीतिक स्थिति ददल ई । भारत स्वतन्त्र दो गया है श्रौर श्रतर्ग्ट्रीग द्ाघार पर उते सम्मान प्राप्त हुद्ना है दरतः हमारें फविया की वाणी में श्रव दौनता नहीं नुनाई पड़ती । राष्ट्रीय पताका, स्वतन्वता रार देशक गौरव का लेगर बहुत सी स्वनाएँ भी एघर लियी गरे हैं। रदस्यवाद के रूप में जो रषी-सद्दी श्रम्यात्स भावना चल रद थी, व समास दो गई है । पुराने छायायादी कविया में नयचेतनायाद हे स्यम श्ररपिदवाद विकसित हत्या ध, पर्‌ नए कवि चस्यात्न रोर धर्मक पिल्ल चिन्तना कसते नदीं दिखायी ठेते | धार्मिर शरीर च्रध्यान्म-मायना नोप ने का एक बहुत वदा जारण मास्सं-दशन न यढता प्रभाव है । पिछले कप्रियों को यपता नए फपि सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति अधिक सजग प्रतीत दोते रूं । फॉपिता में सामाशियन्तय ग्य शधिए उधर कर या रदा है । सामाजिय-फल्पाण की योर, ज एमि फति उन्मुग्य गुए हे उसके मूनयभो श्रधिगनप्त स्य से माक्मयाद द} सामासिक्ता कं यह चेतना दर्म-सप्प फेस्प में माय याएँ ऐ । घाज दो 'पर्थ-दिपसता हो रिसों ने छिपी नदों है | राज न्य क ~ न चग पयार सूप से सर ने सरदबअस्त, चित्त प्रीर सु दे । मोतर से यए इटा




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now