साहित्य - परिचय | Sahity - Parichay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८ साहित्य परिचय ।
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तन, मन और घन सब कुछ अपण कर देते हैं, संसार में धर्म के
नाम से, पसेपकार के नाम से जो कुछ कार्य होता है, उस सब
की तह में यश की लालसा छिपी हुई है। यह चृत्ति आधुनिक
नही है, किन्तु मनुस्य के आदिकाट से है! ओर शायद् अनन्त
कारतक मौजूद रदेगी । मनुष्य जीवन का इतिहास इस से भरा
हुमा रै । राजा हरिण्चन्टने राज पाट छोड इतना डु्देशा-ग्रत्त
होना स्वीकार क्यों किया ?- कीर्ति के लिए। राजा दशस्थ ने
प्रतिज्ञा भंग नहीं. को, परन्तु प्राण दे दिए--कीर्ति के लिए ।
विशाल इतिहास के पृष्ठोंमें ऐसे ही असंख्य, अगणित उदाहरण
भरे पड़े हैं । यह सर्वेजन-काम्य को्ति अन्यो के लिए दुलेभ होने
पर भी, कवियों के छिये वित्कुल खुलम है! षस पर विगरोष
लिखना व्यर्थ है। कुछ देश और विदेश के कवियों का नाम
लिख देना ही पर्याप्त होगा ।
जव तक रामायण और महाभास्त रूपी कीर्ति मौजूद है, तव
तक कौन कह सकता है? कि बाट्मीकि ओर ज्याच खत है । कवि-
कुछ-पति कालिदास की शकुन्तला, भवभूति का उत्तर रामचरित,
माघ का शिशुयाल वध, भारवि की किरातार्जुनीय, श्रीहषं का
जैषधीयचरित, वाण कौ कादम्बरी, भोर छुचन्धु की वासवदत्ता
आदि उन महाकवियों की कोत्ति ससार में अक्षय बनाये रखने के
लिये पर्याप्त है । महाकवि सूरदास, तुरुसीदास, केशवद्ास, देव;-
बिहार, भूषण और मतिराम आदि की कीत्ति उनके कविता अन्यों
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